नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार और भारतीय चिकित्सा परिषद से राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (एनईईटी), 2020 को स्थगित किये जाने और खाड़ी देशों में परीक्षा केंद्र बनाये जाने के मामले में जवाब देने को कहा है। कोविड-19 महामारी के दौर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए), जो कि नीट परीक्षा आयोजन करती है, ने इस वर्ष की नीट परीक्षा का आयोजन 13 सितंबर 2020 को करने की घोषणा की है। महामारी के बीच परीक्षा के आयोजन को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गयी है, जिसकी आज 29 जुलाई 2020 को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र और मेडिकल काउंसिल से जवाब मांगा गया है।
नीट यूजी 2020 परीक्षा की तैयारी कर रहे ऐसे उम्मीदवारों, जो कि दोहा, कतर, आदि खाड़ी देशों में रहते हैं, के पैरेंट्स ने उच्चतम न्यायालय में जन हित याचिका (पीआईएल) दायर की है। लगभग 4000 ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने कि मध्य-पूर्व के कतर से परीक्षा के लिए पंजीकरण किया था, उन्हें कतर में भारतीय दूतावास से डॉक्यूमेंट्स को अटेस्ट कराने में कठिनाईयां आ रही हैं। वहीं, कोविड-19 महामारी के लगातार बढ़ते मामलों के बीच अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करने और उसके बाद आवश्यक 21 दिनों के क्वारंटाइन सेंटर में रहने के नियमों के चलते कई अन्य समस्याएं आएंगी। उच्चतम न्यायालय में इन्हीं तथ्यों के आधार पर याचिका दायर की गयी है।
बता दें कि नीट यूजी 2020 परीक्षा के लिए, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 16.84 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण किया है। इन उम्मीदवारों को लिए परीक्षा का आयोजन 13 सितंबर 2020 को किया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए एम्स दिल्ली ने आवश्यक दिशा-निर्देश यानि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (एसओपी) हाल ही में जारी किये हैं। नीट यूजी 2020 परीक्षा के माध्यम से 82,926 एमएबीबीएस, 26,949 बीडीएस, 52,720 आयुष और 525 बीवीएससी एवं एएच पाठ्यक्रमों की सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन किया जाना है।
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