यूजीन: भारतीय स्टार जेवलिन थ्रोअर और ओलंपिक के गोल्ड विजेता नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (World Athletics Championships) में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. उन्होंने चैम्पियनशिप के इतिहास में देश को यह दूसरा मेडल दिलाया है. यह चैम्पियनशिप अमेरिका के यूजीन में हुई. फाइनल में नीरज के तीन थ्रो फाउल रहे थे. इसमें पहला और आखिरी के दो थ्रो थे.
यही वजह रही कि नीरज गोल्ड से चूक गए. मेडल जीतने के बाद नीरज ने आजतक से बात करते हुए खुलासा किया कि चौथे राउंड में उन्हें इंजुरी हो गई थी. वह पट्टी बांधकर मैदान में उतरे थे. इसी वजह से आखिरी दो थ्रो सही नहीं हुए. नीरज ने सिर्फ तीन थ्रो के बदौलत ही सिल्वर मेडल जीत लिया. फाइनल में नीरज ने अपने तीन सफल थ्रो में 82.39 मीटर, 86.37 और 88.13 मीटर दूर भाला फेंका.
‘चौथे थ्रो में मुझे ग्रोइन में थोड़ा दर्द सा हुआ’
नीरज चोपड़ा ने कहा, ‘हर मैच में अलग स्थिति होती है. इस बार हवा भी थोड़ी ज्यादा थी. क्वालिफिकेशन राउंड में माइंड भी रिलेक्स होता है. इस बार हवा मेरे लिए नई चुनौती थी. मैं धीरे-धीरे मैच को खींचता रहा था. हर थ्रो इम्प्रूव होती जा रही थी. चौथे थ्रो में मुझे ग्रोइन में थोड़ा दर्द सा हुआ. उसकी वजह से आखिरी के दो थ्रो में पूरा एफर्ट नहीं लगा पाया. मगर इस मुश्किल स्थिति के लिहाज से रिजल्ट काफी अच्छा रहा. सभी थ्रोअर्स को दिक्कतें आईं, लेकिन पीटर्स ने काफी अच्छे से मेंटेन किया और अच्छी थ्रो लगाई.’
चौथे थ्रो के बाद नीरज पट्टी लगाकर खेले थे. इस पर नीरज ने कहा, ‘अभी तो थाई ठीक लग रही है, बाकी सुबह पता चलेगा. सुबह फिजियो और मेडिकल टीम जांच करेगी, उसके बाद ही चोट के बारे में पता चलेगा. उम्मीद करते हैं कि ज्यादा कुछ ना हो, क्योंकि कुछ ही दिन में कॉमनवेल्थ गेम्स भी खेलना है.’
नीरज के तीन थ्रो फाउल रहे
’90 मीटर का थ्रो भी जल्द ही होगा’
90 मीटर की दूरी पर थ्रो करने और टोक्यो ओलंपिक के बाद लगातार बेहतर हुए खेल पर नीरज ने कहा, ‘ओलंपिक के बाद हमने देरी से ट्रेनिंग शुरू की थी. ऐसे में हमें काफी कम समय मिला. मगर जितनी ट्रेनिंग हुई, बढ़िया हुई. थ्रोइंग सेशन में, थ्रो, फिटनेस पर काफी काम किया. 90 मीटर तक थ्रो नहीं हो पा रहा है, लेकिन हर प्रतियोगिता में उम्मीद लगी रहती है. मगर सभी थ्रो 90 मीटर के पास ही हैं. 90 मीटर भी जल्दी होगा. नहीं जानता कब, लेकिन जल्दी होगा. मगर परफॉर्मेंस लगातार अच्छी है. इस बात की खुशी है.’
क्या वर्ल्ड चैम्पियनशिप ओलंपिक से भी मुश्किल है? इस पर नीरज ने कहा, ‘जी हां, यह सच है. यदि आप रिजल्ट भी देखेंगे तो वर्ल्ड चैम्पियनशिप के ओलंपिक से ज्यादा ही रहते हैं. इसमें दबाव भी काफी ज्यादा होता है.’
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