नई दिल्ली । केंद्रीय पर्यावरण मंत्री (Union Environment Minister) भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने कहा है कि अर्थव्यवस्था (Economy) को और अधिक लचीला और टिकाऊ (More Resilient and Sustainable) बनाने के लिए (To Make) संसाधन जुटाने की जरूरत है (Need to Mobilize Resources) । उन्होंने आगे कहा, “लेकिन विकसित देशों से क्लाइमेट फाइनेंस की वर्तमान गति, जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक आकांक्षा से मेल नहीं खा रही है।”
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को और अधिक लचीला और टिकाऊ बनाने के लिए संसाधन जुटाने की तत्काल आवश्यकता है। बाली में जी20 पर्यावरण और जलवायु मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि बढ़ती ऊर्जा बिल, खाद्य असुरक्षा और महामारी के साथ दुनिया कई संकटों से गुजर रही है, जो सतत विकास में प्रगति को पीछे धकेल रही है।
उन्होंने कहा, “भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सभी क्षेत्रों में बहु-आयामी नजरिये से अपने निम्न कार्बन उद्योग संक्रमण को चलाने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘पंचामृत’ में उल्लिखित निम्न कार्बन विकास रणनीति सतत विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।”
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