नई दिल्ली। त्योहारी और शादियों के व्यस्ततम सीजन के साथ ही नए साल के आगमन पर देश के बाजार गुलजार होने वाले हैं। अनुमान है कि 31 दिसंबर तक 8.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। इस दौरान 60 करोड़ से ज्यादा ग्राहक खरीदारी करेंगे। अच्छी बात यह है कि इस बार चीन के किसी भी उत्पाद की बिक्री नहीं होगी। साथ ही, ऑनलाइन कारोबार के 90 हजार करोड़ की तुलना में दुकानों का कारोबार 9 गुना ज्यादा होगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री के मुताबिक, जो ग्राहक पहले चीन के बने सामान को ही मांगते थे वे अब इसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं। रक्षा बंधन से शुरू हुए त्योहारी सीजन में लगभग 3 लाख करोड़ रुपये, उसके बाद शादियों के सीजन में लगभग 4.25 लाख करोड़ रुपये व क्रिसमस के साथ नए वर्ष पर 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। इस व्यापार से देश के खुदरा उद्योग को रफ्तार मिलेगी। इससे बाजार के सेंटीमेंट के साथ अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
खाने और कैटरिंग पर सर्वाधिक 30% खर्च
कैट के अध्यक्ष बी सी भरतिया ने बताया कि इस कारोबार में लगभग 8 फीसदी हिस्सा सोने-चांदी का, 10 फीसदी उपहारों का, छह फीसदी सजावटी सामान का, 30% खाने एवं कैटरिंग का, 10% इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल का, 10% कपड़ों का, 5-5 फीसदी फर्नीचर एवं फर्निशिंग और मिठाई का होगा। 6% इवेंट मैनेजमेंट में एवं 10% अन्य सामानों की खरीद पर खर्च होगा।
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