नई दिल्ली । इस सप्ताह राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार 2019 में प्रति लाख जनसंख्या पर सड़क दुर्घटना में मृत्यु 11.6 दर्ज की गई है। सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों में यह गिरावट सतत विकास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए भी एक सुखद संकेत है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि 2020 तक प्रति लाख व्यक्तियों पर सड़क दुर्घटना में मृत्यु 8 के आंकड़े तक पहुंच जाए।
उल्लेखनीय है कि पिछले 15 वर्षों में भारत में सड़क दुर्घटना में प्रति लाख मौत का आंकड़ा 18 रहा था। यहां और भी अधिक उल्लेखनीय है कि भारत में प्रति हजार वाहनों पर दुर्घटना में मृत्यु की दर 61 है, जबकि डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक दर 64 है। ज़ाहिर है कि वैश्विक दर के हिसाब से भारत का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट यह भी बताती है कि देश में ट्रैफिक दुर्घटना के मामलों और घायलों की संख्या में कमी आई है। अधिकांश राज्यों में सड़क दुर्घटनाओं में गिरावट आई है। देश में होने वाली कुल यातायात दुर्घटनाओं में, जिनमें सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 92.2 प्रतिशत है, लगातार गिरावट आई है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) जैसे कानूनों के बेहतर क्रियान्वयन को कारण बताया जा सकता है। एनसीआरबी के अनुसार अधिक गति के कारण तथा ड्रग्स/शराब के प्रभाव से सड़क दुर्घटनाएं, जो पिछले वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण थीं, उनमें एमवीए एक्ट में संशोधन के कारण राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट आई है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी सड़क दुर्घटनाओं के मामलों से मौतों में भी कमी दर्ज की गई है। 2018 में 1,734 के मुकाबले 1,508 मौत दर्ज की गईं। यह काफी हद तक दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के कारण संभव हो पाया है। दिल्ली पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान के दौरान स्कूली बच्चों, ऑटो और बस चालकों पर यातायात के नियमों का पालन कराने के साथ, महत्वपूर्ण और जोखिम वाले स्थानों पर सीसीटीवी लगाने इत्यादि से यह संभव हो सका है। संशोधित एमवीए और दिल्ली पुलिस द्वारा सड़क इंजीनियरिंग से जुड़े पहलुओं में दिए गए सुझाव भी इसमें काफी कारगर सिद्ध हो सके हैं। इनमें स्ट्रीट लाइटिंग, बीच के डिवाइडर पर ग्रिल, फुट ओवरब्रिज और कम भीड़ वाले इलाकों में बस स्टॉप की शिफ्टिंग मुख्य हैं। दिल्ली पुलिस प्रत्येक घातक दुर्घटना का विश्लेषण कर रही है और उसके अनुसार सुधार के उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा, ट्रैफ़िक के समय और स्थान विश्लेषण के अनुसार ट्रैफ़िक पुलिस की तैनाती की जा रही है।
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