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आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे पर राजनीति में सक्रिय रहेंगे राकांपा प्रमुख शरद पवार

November 05, 2024


मुंबई । राकांपा प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) आगामी लोकसभा चुनाव (Upcoming Lok Sabha Elections) नहीं लड़ेंगे (Will not Contest) पर राजनीति में सक्रिय रहेंगे (But will remain Active in Politics) । महाराष्ट्र की राजनीति में अनुभवी नेता और एनसीपी (नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी) के प्रमुख शरद पवार ने आगामी चुनावों से ठीक पहले संन्यास लेने के संकेत देकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है।


अपने 14 बार चुनाव लड़ने के अनुभव को साझा करते हुए पवार ने सवाल उठाया, “अब कितनी बार चुनाव लड़ूंगा ?” उनके इस बयान ने राज्य में राजनीतिक चर्चाओं को हवा दे दी है और इसे नई पीढ़ी के नेतृत्व के लिए रास्ता बनाने का संकेत माना जा रहा है। 82 वर्षीय शरद पवार ने स्पष्ट किया कि उनकी अब सत्ता में बने रहने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा, “अब तक मैंने 14 बार चुनाव लड़ा और हर बार जनता ने मुझे चुना । अब कहीं तो रुकना पड़ेगा। मेरे पास राज्यसभा में डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है, लेकिन उसके बाद राज्यसभा में भी जाना है या नहीं, इसका विचार करना पड़ेगा ।” पवार ने यह साफ किया कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और राजनीति में सक्रिय रहेंगे, परन्तु सत्ता से दूर रहते हुए समाज सेवा पर ध्यान देंगे।

शरद पवार का यह बयान एनसीपी में एक नई पीढ़ी को नेतृत्व सौंपने का संकेत देता है। उन्होंने कहा, “नई पीढ़ी को आगे लाना पड़ेगा। इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने समाजसेवा का रास्ता छोड़ दिया है। मेरी प्राथमिकता अब सत्ता नहीं, बल्कि जनता की सेवा है।” पवार का यह रुख नई ऊर्जा और दृष्टिकोण के साथ पार्टी को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास है। उनके इस कदम से पार्टी में युवा नेताओं और संभावित उत्तराधिकारियों के लिए एक नई भूमिका के संकेत मिल रहे हैं।

हाल ही में पवार ने अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले के बारे में कहा था कि उन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को सत्ता में नहीं आने दिया। “मुझे अधिकार था कि पद दूं, मैंने कई नेताओं को उपमुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद दिए, लेकिन अपनी ही बेटी को कोई पद नहीं दिया। सुप्रिया ने भी मुझसे कभी कुछ नहीं माँगा,” पवार ने कहा। उनका यह बयान न केवल परिवार में एकता बनाए रखने के उनके संकल्प को दर्शाता है, बल्कि पार्टी में वंशवाद के आरोपों का जवाब भी है। इस बयान के अलावा, शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के गुट को भी निशाने पर लिया, जिन्होंने हाल ही में पार्टी और उसके सिंबल पर दावा किया है। पवार ने कहा, “मैं देखूंगा कि मेरा परिवार एक रहे, यही मेरा स्वभाव है। हमारे पास जो है, वो हमारी पार्टी की असली पहचान है।” पवार का यह बयान पार्टी के भीतर एकता और अनुशासन बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

शरद पवार का रिटायरमेंट का संकेत केवल एनसीपी के लिए ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की पूरी राजनीति के लिए एक नया अध्याय खोलता है। उनका यह कदम एक तरह से पार्टी में नई पीढ़ी के उभार का आह्वान है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पवार का यह निर्णय राज्य की राजनीति में बड़े बदलावों की शुरुआत हो सकता है, जिससे पार्टी को एक नई दिशा और नई रणनीतियों के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। पवार का संन्यास का संकेत केवल उनकी पार्टी के लिए एक युग का अंत नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई पीढ़ी के नेता के आगमन का आह्वान भी हो सकता है। अब देखना यह है कि एनसीपी में इस नई लहर को कौन नेतृत्व देता है और महाराष्ट्र की राजनीति में यह बदलाव किस तरह से नए समीकरण तैयार करता है।

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