नई दिल्ली। एनसीएलटी (NCLT) सोमवार को गो फर्स्ट (Go First) एयरलाइन की दिवाला समाधान से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई होगी। वाडिया समूह के स्वामित्व वाले गो फर्स्ट एयरलाइन 11,463 करोड़ रुपये की देनदारी है। वित्त संकट से जूझ रही कंपनी ने एनसीएलटी में दिवालिया समाधान याचिका दायर कर रखी है। स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के साथ-साथ एयरलाइन ने वित्तीय दायित्वों पर अंतरिम रोक लगाने की मांग भी एनसीएलटी से की है।
गो फर्स्ट की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। वकीलों के अनुसार न्यायाधिकरण एयरलाइन के खिलाफ दायर दो दिवालिया याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगा। कंपनी को परिवहन सेवाएं मुहैया कराने वाली एसएस एसोसिएट्स सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर याचिका करीब तीन करोड़ रुपये के दावे के संबंध में है।
एक पायलट ने भी एयरलाइन को प्रदान की गई अपनी सेवाओं के लिए बकाया राशि का दावा करते हुए एक याचिका दायर की है। इसमें शामिल राशि एक करोड़ रुपये से अधिक है। इन दोनों याचिकाओं पर एनसीएलटी की प्रधान पीठ सुनवाई करेगी। गो फर्स्ट ने दो मई को न्यायाधिकरण के समक्ष दायर अपनी याचिका में विमान पट्टेदारों को वसूली की कार्रवाई करने से रोकने के साथ-साथ विमानन निगरानी कर्ता डीजीसीए और आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं को प्रतिकूल कार्रवाई शुरू करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की थी।
एक अन्य अनुरोध यह है कि नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण और निजी हवाईअड्डा संचालकों को कंपनी को आवंटित किसी भी प्रस्थान और पार्किंग स्लॉट को रद्द नहीं करने का निर्देश दिया जाएगा। एयरलाइन यह भी चाहती है कि ईंधन आपूर्तिकर्ता विमान संचालन के लिए आपूर्ति जारी रखें और वर्तमान अनुबंध व्यवस्था को समाप्त न करें। गो फर्स्ट ने 12 मई तक अपनी सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं।
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