श्रीनगर । क्षेत्रीय नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और उसके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) कई राजनीतिक कारणों से (For Many Political Reasons) अनुच्छेद 370 का बचाव करने के लिए (To Defend Article 370) अजनबी साथियों के रूप में (Strangers as Companions) एक साथ आए (Came Together) ।
कभी दुश्मन रह चुके एनसी और पीडीपी गुपकार गठबंधन के जरिए एक साथ आ चुके हैं। बता दें कि गुपकार गठबंधन की घोषणा एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में की गई थी। गुपकार गठबंधन अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा चाहता है।
पीडीपी 1999 में इस आधार पर अस्तित्व में आई कि लोगों को एनसी के वंशानुगत शासन के लिए एक क्षेत्रीय मुख्यधारा के विकल्प की आवश्यकता थी। पीडीपी के चुनावी अभियान के एक भी घोषणा पत्र में एनसी के बारे में दूर-दूर तक कुछ भी अच्छा नहीं कहा गया है।
एनसी ने स्वायत्तता प्रस्ताव को राज्य विधानसभा से पारित करा लिया था और बाद में इसे दिल्ली भेज दिया गया, जहां उसे कोई लेने वाला नहीं मिला।
पीडीपी, एनसी पर बढ़त बनाने के अपने खेल में, स्व-शासन के विचार के साथ सामने आई। स्वायत्तता और स्व-शासन दोनों अलग-अलग नाम थे, लेकिन अनुच्छेद 370 द्वारा गारंटीकृत भारतीय संघ में जम्मू-कश्मीर की स्थिति को संरक्षित करने की अंतर्निहित भावना एक ही थी। राजनीतिक रूप से, स्वायत्तता और स्व-शासन दोनों का उद्देश्य दो स्थानीय मुख्यधारा की पार्टियों द्वारा अलगाववादियों के शोर के बीच एक व्यवहार्य विकल्प प्रस्तुत करना था।
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