नई दिल्ली। नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) और माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन्स (एमएफआई) (Non-Banking Finance Companies (NBFCs) and Micro Finance Institutions (MFIs)) से होम और कंज्यूमर लोन (home and consumer loans) लेने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही से इन ग्राहकों को लोन के एवज में कम ब्याज चुकाना होगा। इसका फायदा नए ग्राहकों के साथ ही उन पुराने ग्राहकों को भी मिलेगा, जिन्होंने एनबीएफसी से फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एनबीएफसी और एमएफआई के लिए नया एवरेज बेस रेट जारी कर दिया है। एवरेज बेस रेट एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थाओं (एमएफआई) के लिए बेंचमार्क इंटरेस्ट रेट की तरह ही होता है। यह देश के पांच बड़े कमर्शियल बैंकों का एवरेज बेस रेट है।
बताया जा रहा है कि 31 मार्च 2021 को खत्म तिमाही में इन बैंकों का एवरेज बेस रेट 0.15 फीसदी गिरा है। पहले एवरेज बेस रेट 7.96 फीसदी था, जो अब घटकर 7.81 फीसदी के स्तर पर आ गया है। आपको बता दें कि दो साल के अंदर एवरेज बेस रेट में करीब डेढ़ फीसदी की कमी आ गई है। 30 जून 2019 को यह 9.21 फीसदी था, जो अब 1.4 फीसदी कम होकर 7.81 फीसदी के स्तर पर आ गया है।
आरबीआई हर तिमाही के अंत में एवरेज बेस रेट का ये आंकड़ा जारी करता है। इसी एवरेज बेस रेट के आधार पर एनबीएफसी और एमएफआई ग्राहकों को कर्ज देते हैं। ऐसे में अब जो लोग एनबीएफसी और एमएफआई से होम या कंज्यूमर लोन लेना चाहते हैं, उन्हें घटे हुए रेट का फायदा मिलेगा। जहां तक पहले से लोन ले चुके ग्राहकों की बात है तो घटे हुए रेट का फायदा सिर्फ उन ग्राहकों को ही मिलेगा, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है।
उल्लेखनीय है कि आमतौर पर एनबीएफसी और एमएफआई की ब्याज दर ज्यादा रहती थी। इसी कारण रिजर्व बैंक ने इनकी ब्याज दरों को नियंत्रित करने के लिए 5 बड़े कमर्शियल बैंकों का एवरेज बेस रेट जारी करना शुरू किया। रिजर्व बैंक ने साथ ही ये भी ये भी स्पष्ट कर दिया कि ये एवरेज बेस रेट एनबीएफसी और एमएफआई के लिए बेंचमार्क रेट की तरह काम करेगा। ऐसे में अब एवरेज बेस रेट में आई कमी का फायदा ग्राहकों को मिलना तय हो गया है। (एजेंसी, हि.स.)
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