हाथरस। उत्तर प्रदेश में हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर जांच पड़ताल जारी है। इस बीच, तफ्तीश में पता चला है कि पीड़िता के गांव में फर्जी रिश्तेदारों ने डेरा डाला हुआ था। अपने आप को रिश्तेदार बता रही महिला का सामने सच आया है। एक कथित महिला रिश्तेदार पीड़ित परिवार में देखी गई है। इसी बीच शनिवार को हाथरस कांड में नक्सल कनेक्शन सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। एसआईटी की टीम मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली महिला की तलाश में जुटी है। बताया जा रहा है कि संदिग्ध नक्सली महिला पीड़िता के घर में भाभी बनकर रह रही थी। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक पीड़िता के घर में रहकर नक्सली महिला बड़ी साजिश रच रही थी। इससे पहले पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि इस केस से जुड़े फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और भीम आर्मी के लिंक भी मिले हैं।
पुलिस का दावा है कि वह महिला पीड़ित परिवार को बरगला रही थी। पुलिस के मुताबिक तथाकथित रिश्तेदार डॉ. राजकुमारी पीड़ित परिवारों को बरगलाते हुए देखी गई है। केवल दलित होने के नाते परिवार के लोगों को भरोसे में लेकर पिछले कई दिनों से पीड़ित परिवार के यहां महिला रही थी। महिला जबलपुर मेडिकल कॉलेज में अपने आप को प्रोफेसर बता रही थी।
पुलिस के मुताबिक यह फर्जी रिश्तेदार मीडिया में क्या बयान देना है, पीड़ित परिजनों को लगातार गाइड कर रही थी। पुलिस के शक होते ही महिला घर से चुपचाप खिसक ली। बहरहाल, मामले की जांच कर रही SIT की टीम ने आरोपियों के परिवार से पूछताछ के लिए शुक्रवार को उन्हें बुलाया था। दो आरोपियों के परिवारों से एसआईटी ने पूछताछ की थी। साथ ही जांच दल ने पीड़ित परिवार के पड़ोसियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों का कहना था कि एसआईटी 40 लोगों से पूछताछ करेगी। इसमें वो लोग शामिल हैं, जो घटना वाले दिन खेत के आसपास थे। साथ ही एसआईटी ने पीड़िता के अंत्येष्टि वाले दिन कौन कौन घटना स्थल पर गांव का मौजूद था या दूर से देख रहा था उससे पूछताछ की है। SIT टीम पुलिस लाइन में गांव के लोगों को लगातार पूछताछ के लिए बुला रही है।
हाथरस कांड की जांच कर रही एसआईटी के सूत्र बताते हैं कि नक्सली महिला घूंघट ओढ़कर पुलिस और एसआईटी से बातचीत कर रही थी। वहीं घटना के 2 दिन बाद से ही संदिग्ध महिला पीड़िता के गांव पहुंच गई थी। आरोप है कि पीड़िता के ही घर में रहकर वह परिवार के लोगों को कथित रूप से भड़का रही थी। पीड़िता की भाभी बनकर रहने वाली नक्सली एक्टिविस्ट महिला की कॉल डिटेल्स में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक विदेशी फंडिंग के साथ नक्सली कनेक्शन पर यूपी पुलिस व एसआईटी टीम काम कर रही है। इससे पहले एसआईटी की जांच में पहले जातीय वा सांप्रदायिक दंगे की साजिश का पर्दाफाश किया था। पुलिस महिला व उसके करीबियों की तलाश में जुटी है। अभी भी 4 दर्जन लोगों से एसआईटी की टीम पूछताछ कर चुकी है। हाथरस केस में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो पीएफआई के सदस्य बताए जा रहे हैं।
गिरफ्तार सदस्यों में एक शख्स बहराइच के जरवल का रहने वाला है। इसके बाद से यूपी पुलिस सक्रिय हो गई है। बहराइच पुलिस का कहना है कि ये इलाका इंडो-नेपाल सीमा से सटा हुआ है और पिछले कुछ समय में पीएफआई से जुड़े कुछ अन्य लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ऐसे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यूपी और देश के भीतर जातीय और सांप्रदायिक दंगे फैलाने के लिए भारत नेपाल सीमा पर पीएफआई की गतिविधियां क्या चल रही हैं?
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