भोपाल। मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला के साथ-साथ डिंडौरी के छत्तीसगढ़ से लगे गांवों में भी नक्सलियों की गतिविधियां बढऩे लगी हैं। केंद्र सरकार डिंडौरी को नक्सल प्रभावित जिले में शामिल कर चुकी है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने भी मध्य प्रदेश पुलिस रेग्यूलेशन में संशोधन करके डिंडौरी को बालाघाट पुलिस रेंज में शामिल कर लिया है। यह अब तक शहडोल रेंज में आता था। इस परिवर्तन से जहां पूरे क्षेत्र में पुलिस और हाकफोर्स की निगरानी बढ़ जाएगी, वहीं जिले को नक्सल समस्या से निपटने के लिए जरूरी संसाधन भी उपलब्ध होंगे। रेंज परिवर्तन के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हस्ताक्षर करने के बाद गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब बालाघाट रेंज में तीन जिले बालाघाट, मंडला और डिंडौरी होंगे।
शहडोल रेंज में शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिले ही होंगे। नक्सल प्रभावित जिले में शामिल होने के बाद डिंडोरी में पुलिस बल में वृद्धि के साथ संसाधन भी बढ़ाए जाएंगे। केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ हाकफोर्स के जवान भी तैनात होंगे। हाकफोर्स का मुख्यालय बालाघाट में है और एक ही रेंज में तीनों नक्सल प्रभावित जिले आने से प्रशासनिक नियंत्रण के साथ कार्ययोजना पर ठीक से अमल हो सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि डिंडौरी के समनापुर, बजाग, करंजिया थाना क्षेत्र नक्सल प्रभावित हैं। छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे इन तीनों थाना क्षेत्रों में एक-एक चौकी भी खोली जाएगी। इसके साथ ही अधोसंरचना विकास के काम तेज गति के साथ होंगे। पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ अन्य सुविधाओं का विस्तार भी किया जाएगा।
बालाघाट में पकड़ाए थे हथियार
जुलाई 2021 में बालाघाट पुलिस ने नक्सलियों के लिए लाए गए हथियार पकड़े थे। आठ व्यक्ति किरनापुर कीन्ही के जंगल में नक्सलियों तक हथियार पहुंचाने के फिराक में घूम रहे थे। इनके कब्जे से पिस्टल, एके-47 की मैग्जीन, जिलेटिन की आधा दर्जन से ज्यादा छड़ सहित अन्य सामग्री बरामद की गई थी। आरोपितों ने पूछताछ में स्वीकार किया था कि बीते कुछ माह में उन्होंने कई बार नक्सलियों तक हथियार पहुंचाए हैं।
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