इस्लामाबाद। पाकिस्तान ( Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Former Prime Minister Nawaz Sharif,), जो वर्तमान में लंदन (London) में रह रहे हैं, आगामी दिसंबर में उनके अपने देश लौटने की संभावना है. वह अगले आम चुनाव (next general election) में अपनी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (Pakistan Muslim League (N)) का नेतृत्व करेंगे. 72 वर्षीय शरीफ को 2019 में लाहौर उच्च न्यायालय (Lahore High Court) ने उपचार के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी, उसके बाद से वह लंदन में हैं और वहीं से पार्टी की बागडोर संभाल रहे हैं।
एक पाकिस्तान अखबार ने पीएमएल-एन के एक अंदरूनी सूत्र के हवाले से लिखा कि अगर सब ठीक रहा तो नवाज शरीफ अगले महीने पार्टी की बागडोर संभालने के लिए पाकिस्तान लौटेंगे. हालांकि, अंदरूनी सूत्र ने इन खबरों का खंडन किया कि उनकी वापसी केवल चुनाव अभियान तक के लिए होगी।
अखबार ने नाम न छापने की शर्त पर नवाज शरीफ की पार्टी के एक नेता के हवाले से लिखा, ‘पीएमएल-एन समय से पहले चुनाव के लिए नहीं मानेगी, चाहे जो भी हो. भले ही हमें हमारी सरकार गंवानी पड़े, हम इस मांग से सहमत नहीं होंगे, और यह अंतिम फैसला है.’ पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ की वतन वापसी की अटकलें तब से लग रही हैं, जब उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ इस साल अप्रैल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे. पार्टी के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो अपने परिवार के सदस्यों के परामर्श पर निर्णय लेते हैं। नवाज शरीफ की पाकिस्तान वापसी की यह रिपोर्ट उनके छोटे भाई और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के सीओपी 27 जलवायु सम्मेलन के लिए मिस्र की यात्रा के बाद पीएमएल-एन सुप्रीमो से मिलने के लिए लंदन जाने के कुछ दिनों बाद आई है।
शहबाज शरीफ के इस साल अप्रैल में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद से लंदन की यह उनकी तीसरी ऐसी यात्रा थी। एक अन्य अखबार के मुताबिक पीएम का यह दौरा 29 नवंबर को पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के कार्यकाल की समाप्ति से एक महीने से भी कम समय पहले हुआ है. पहले की रिपोर्टों का हवाला देते हुए, पाकिस्तान के इस सबसे बड़े अखबार ने कहा कि शहबाज शरीफ पाकिस्तान के अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर नवाज शरीफ से सलाह-मशविरा करने गए थे. इस साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के साथ शुरू हुई राजनीतिक खींचतान, इस महीने की शुरुआत में उनकी कथित हत्या के प्रयास के बाद और भी बदतर हो गई है।
जल्द चुनाव के आह्वान के अलावा, गठबंधन सरकार और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच विवाद की एक और वजह नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को भी बताया जा रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कथित हत्या के प्रयास के बाद, पीएमएल (एन) और पीटीआई के बीच राजनीतिक संघर्ष और बढ़ गया है। आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के वजीराबाद में सरकार विरोधी मार्च का नेतृत्व कर रहे इमरान खान पर हमला हुआ था, जिसमें उन्हें दोनों पैरों में तीन गोलियां लगी थीं. इमरान ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई चीफ पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।
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