मुंबई । महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government)के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Former minister Nawab Malik)ने मंगलवार को मुंबई के मानखुर्द-शिवाजी नगर विधानसभा क्षेत्र (Mankhurd-Shivaji Nagar Assembly Constituency)से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल (Enrollment filing)किया। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी। इससे पहले भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष आशीष शेलार ने मलिक की उम्मीदवारी के खिलाफ बयान दिया था। अब उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया। शेलार ने कहा था, “हम अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े किसी भी व्यक्ति को टिकट देना स्वीकार नहीं करेंगे। हम नवाब मलिक का समर्थन नहीं करेंगे और हमारा रुख अलग होगा।”
नवाब मलिक ने नामांकन दाखिल करने के बाद कहा, “मैंने तय किया था कि अगर मुझे अपनी पार्टी से नामांकन पत्र नहीं मिला तो मैं निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ूंगा। मैंने एनसीपी उम्मीदवार के तौर पर अपराह्न दो बजकर 55 मिनट पर (नामांकन पत्र) दाखिल किया।” आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन मंगलवार था।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मलिक की उम्मीदवारी को लेकर भाजपा के रुख पर पुनर्विचार हुआ है या नहीं। भाजपा, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन में राज्य में सत्ता साझा करती है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्हें नवाब मलिक के एनसीपी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने की आधिकारिक सूचना की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, “जब मुझे आधिकारिक सूचना मिलेगी तब मैं इस पर प्रतिक्रिया दूंगा।” अणुशक्ति नगर से मौजूदा विधायक नवाब मलिक ने यह सीट अपनी बेटी सना के लिए छोड़ दी है। सना एनसीपी उम्मीदवार के रूप में राजनीति में कदम रख रही हैं।
नवाब मलिक, महाविकास आघाडी सरकार में मंत्री थे लेकिन 2022 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दाऊद और उसके साथियों छोटा शकील व टाइगर मेमन के खिलाफ दर्ज मुकदमे में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। मलिक को इस साल जुलाई में चिकित्सक आधार पर जमानत दी गई थी।
एनसीपी में विभाजन के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार नीत गुट ने सहयोगी भाजपा की आपत्तियों के बावजूद मलिक को अपने पाले में ले लिया था।
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