ज्योतिष : पितृ पक्ष यानि श्राद्ध (Shraddh) समाप्ति के अगले ही दिन से प्राय: नवरात्रि उत्सव शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार नवरात्रि पर्व पितृ पक्ष (Pitru Paksha) समाप्ति के एक माह बाद शुरू होगा। इस बार श्राद्ध पक्ष समाप्त होते ही अधिकमास लग जाएगा। ऐसे में नवरात्रि (Navratri) व पितृ पक्ष के बीच एक महीने का अंतर आ जाएगा।
आश्विन मास (Ashwin month) में मलमास (Malmas) लगने व एक महीने के अंतर पर नवरात्रि का आरम्भ का संयोग 165 साल पहले बना था। इसके पीछे लीप वर्ष होने का तर्क यह दिया जा रहा है। इस बार चातुर्मास (Chaturmas) जो हमेशा चार महीने का होता है, इस बार पांच महीने का होगा। ज्योतिषविदों के अनुसार 160 साल बाद लीप वर्ष (Leap) व अधिकमास दोनों ही एक साल में आए हैं।
चातुर्मास लगने से विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। इस काल में पूजन पाठ, व्रत उपवास और साधना का विशेष महत्व रहेगा। इस वर्ष 17 सितम्बर को पितृ पक्ष खत्म होगा। इसके अगले दिन 18 सितम्बर से अधिकमास शुरू हो जाएगा, जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। 17 अक्टूबर से नवरात्रि पर्व शुरू होगा। 25 नवम्बर को देवउठनी एकादशी (Devauthani Ekadashi) होगी। जिसके साथ ही चातुर्मास समाप्त होंगे।
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