भोपाल। इस साल चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल से शुरू हो रही हैं, जो 11 अप्रैल तक चलेंगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष स्थान है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस बार चैत्र नवरात्र पूरे नौ दिन मनाई जाएगी। इस साल किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। तिथि का कम होना अशुभ माना जाता है। मां दुर्गा को समर्पित ये नौ दिवसीय पर्व वैसे तो साल में चार बार मनाया जाता है। दो बार गुप्त नवरात्र और एक चैत्र और दूसरे अश्विन मास के नवरात्रि. चारों ही नवरात्र का अपना अलग और विशेष महत्व होता है। लेकिन चैत्र और अश्विन में आने वाले नवरात्र कुछ खास होते हैं।
घटस्थापना शुभ मुहूत्र्त
हिंदू पंचाग के अनुसार प्रतिपदा तिथि 01 अप्रैल 2022 को सुबह 11:53 मिनट से शुरू होगी जो 02 अप्रैल 11:58 पर समाप्त होगी। चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना 02 अप्रैल को होगी। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6:10 से 8:31 तक रहेगा। घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12:50 तक रहेगा।
कलश स्थापना पूजन विधि
कलश स्थापना के लिए 7 तरह का अनाज, मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान से लाई गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, रोली, अक्षत, लाल कपड़ा और फूलों की जरूरत होती है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित किया जाता है। कलश स्थापना से पहले मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें और एक लाल कपड़ा बिछाएं। इसके बाद इस कपड़े पर थोड़े से चावल रखें। एक मिट्टी के चौड़े बर्तन में जौ बोएं। अब इस पात्र में पानी से भरा कलश रख दें। कलश पर कलावा बांधे इसके अलावा कलश में सुपारी, सिक्का, अक्षत डालें। अब इसमें अशोक के पत्ते या आम के पत्ते रख कर ऊपर चुनरी लपेटकर एक नारियल रख दें। नारियल पर कलावा बांध लें। नारियल को कलश में रखते हुए मां दुर्गा का आवाहन करें। इसके बाद दीप जलाकर पूजा कर करें।
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