उज्जैन। शारदेय नवरात्र की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में होगी। 6 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृ पक्ष का समापन के ठीक अगले दिन यानि 7 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाएंगी। इस साल यानि 2021 के पितृ पक्ष के दौरान एक दिन की वृद्धि (पितृ पक्ष में 26 सितंबर का दिन ऐसा रहा जिस दिन कोई श्राद्ध तिथि नहीं थी) हो गई, वहीं नवरात्रि में इस बार नवरात्र नौ की बजाय आठ ही दिनों के ही होंगे। इसका कारण यह है कि इस बार चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ पड़ रही हैं। ऐसे में 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्र 14 अक्टूबर तक रहेंगे। इस बार दशहरा पर्व 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा। जबकि शारदीय नवरात्र 2021 के दौरान आठ दिनों तक श्रद्धालु माता रानी की आराधना करेंगे। शहर में अनेक स्थानों पर पंडाल सजाकर मां दुर्गा की स्थापना की जाएगी और देश के अनेक शहरों में उत्सवी माहौल नजर आएगा। नवरात्र में 4 दिनों तक रवि योग का संयोग रहेगा। शुभ कार्यों के लिए यह योग काफी शुभ माना गया है।
नवरात्र कई शुभ संयोगों से युक्त
इस बार नवरात्र कई शुभ संयोगों से युक्त होंगे। नवरात्र के नौ दिन तो वैसे ही काफी शुभ माने गए हैं, लेकिन शारदीय नवरात्र 2021 में कई शुभ योग आने से इसका महत्व और बढ़ जाएगा। शारदेय नवरात्र की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में होगी। इसी प्रकार नवमी पर भी सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा।
डोली में सवार होकर आएंगी माता रानी
पंडित जगदीश शर्मा के अनुसार इस बार माता रानी का आगमन डोली में होगा। इस लिहाज से महिलाओं का वर्चस्व बढ़ेगा और मान सम्मान में वृद्धि होगी, लेकिन महामारी से लोग परेशान रहेंगे। नवरात्र सभी शुभ कार्यों के लिए और देवी आराधना के साथ विशेष शुभ माने गए हैं। नवरात्र में नौ देवियों की आराधना का विधान है। कई बार तिथि भेद के कारण एक ही दिन दो-दो तिथियां आती है, ऐसे में अनेक बार आठ दिन के नवरात्र की स्थिति भी बनती है। नवरात्र सभी प्रकार की खरीदारी के लिए भी विशेष फलदायी माने गए हैं। इसमें स्थायी संपत्ति की खरीदारी करना विशेष शुभ माना गया है।
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