उज्जैन। सिद्धवट घाट और परिसर के नवनिर्माण का काम करीब डेढ़ साल पहले शुरु हुआ था। यहाँ घाटों के निर्माण से लेकर सिद्धवट परिसर तक में कई निर्माण कार्य किए जाने हैं। कई महीनों से परिसर का काम रूका हुआ है। नींव के लिए जगह-जगह डाले गए सरिये यहाँ आने-जाने वाले लोगों के लिए खतरा बन रहे हैं। श्राद्ध पक्ष के अलावा पूरे वर्ष सिद्धवट पर श्राद्ध तर्पण और पितृ कर्म के लिए आने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है। यहाँ प्रत्येक माह की चौदस और अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग सिद्धवट पर दूध चढ़ाने भी आते हैं। सिद्धवट घाट तथा परिसर के सौंदर्यीकरण का काम करीब डेढ़ साल पहले शुरु हुआ था।
कार्य के प्रारंभ में प्रवेश द्वार का निर्माण कर दिया गया था। परंतु पिछले कई महीनों से परिसर में लगाए जा रहे ब्लॉक और अन्य निर्माण कार्य बंद पड़े हुए हैं। निर्माण के लिए खोदी गई नींव तथा उसमें डाले गए सरिये काम रूकने के बाद यहाँ आने-जाने वाले लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। घाट पर जाना हो या सिद्धवट मंदिर में चारों ओर अधूरे निर्माण के कारण लोगों और श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।
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