नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई है. सुप्रीम कोर्ट ने 1998 के रोडरेज मामले में पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना ही फैसला बदलते हुए ये सजा सुनाई है. इससे पहले अदालत ने 15 मई 2018 को नवजोत सिद्धू पर 1000 रुपए का जुर्माना लगाया था. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये सवाल उठने लगा है कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू को जेल जाना पड़ेगा. आईए जानते हैं कि जेल से बचने के लिए उनके पास क्या विकल्प बचे हैं.
किस मामले में हुई सजा ?
1998 में सिद्धू ने पटियाला के एक मार्केट में 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से मारपीट की थी. इसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. इस मामले में सिद्धू पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. सेशन कोर्ट में केस चला.
1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया था. लेकिन 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू और संधू को सभी आरोपों से बरी कर दिया. हालांकि, कोर्ट ने रोड रेज मामले में सिद्धू पर 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. इसी फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई है.
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