उज्जैन। आज नवमी की पूजा के साथ ही नवरात्रि पर्व का समापन हो गया है और शाम को गरबे होंगे तथा विजयादशमी का बड़ा पर्व कल मनाया जाएगा। कल रावण के पुतले का दहन कर लोग अपनी अंदर की बुराईयों को धिक्कारेंगे। कल शुक्रवार को विजयादशमी पर्व मनेगा। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए दशहरा मैदान और दत्त अखाड़ा क्षेत्र के दो बड़े परंपरागत आयोजनों में इस बार रावण के पुतलों की ऊँचाई आयोजकों ने कम रखी है। इन स्थानों पर हर वर्ष 100 फीट से ऊँचे रावण के पुतले दहन किए जाते थे लेकिन अब इनकी ऊँचाई एक तिहाई कम कर दी गई है। प्रतीकात्मक आयोजन के लिए समितियों ने यह निर्णय लिया है। दशहरा मैदान पर इस बार 25 फीट ऊँचाई के पुतले का रावण दहन किया जाएगा, जबकि दत्त अखाड़ा क्षेत्र में 11 फीट ऊँचे रावण के पुतले को दहन कर उत्सव की परंपरा प्रतीकात्मक रूप से की जाएगी। हालांकि लोगों में पिछले साल के मुकाबले विजयादशमी पर्व का उत्साह जरूर है लेकिन गाईड लाईन को देखते हुए आयोजकों ने ही कार्यक्रम सीमित कर दिए हैं।
परंपरानुसार कल वर्ष में एक बार भगवान महाकाल की सवारी भी नए शहर फ्रीगंज होते हुए दशहरा मैदान पहुँचेगी जहाँ परंपरानुसार दशहरा मैदान पर पालकी पूजन किया जाएगा। इधर दत्त अखाड़ा घाट पर भी रावण दहन से पूर्व गुरुदेव बृहस्पति की सवारी पहुँचेगी। दोनों जगह भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीताजी के साथ हनुमानजी भी विद्यमान रहेंगे। रावण दहन के पूर्व आयोजन समिति से जुड़े लोग उनका भी विधिवत पूजन अर्चन करेंगे और प्रतीकात्मक रावण दहन किए जाएँगे। इधर सिद्धवट युवा मंच द्वारा 16 अक्टूबर को बासी दशहरे पर कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक प्रतीकात्मक रूप से 11 फीट ऊँचे रावण का दहन किया जाएगा। इस बार यहाँ रावण डॉक्टर की वेशभूषा में कोरोना वैक्सीनेशन का इंजेक्शन हाथ में लेकर तथा मास्क लगाकर लोगों को कोरोना से बचने और सावधान रहने का संदेश देगा। संयोजक पं. हेमंत शास्त्री, अध्यक्ष पं. राघवेंद्र चतुर्वेदी व महामंत्री दीपक नामदेव ने बताया कि प्रतीकात्मक रावण दहन का कार्यक्रम शाम 7.30 बजे सिद्धवट मैदान पर किया जाएगा।
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