बर्लिन । जर्मनी की प्रयोगशाला के बाद फ्रांस और स्वीडन की प्रयोगशालाओं ने भी पुष्टि कर दी है कि रूस के विपक्षी नेता एलेक्सेई नवलनी को सोवियत कालीन नर्व एजेंट नोविचोक दिया गया। यह घातक जहर कुछ क्षणों में ही व्यक्ति के नर्वस सिस्टम को बेकार कर देता है जिसके बाद शिकार हुआ व्यक्ति अचेत हो जाता है और कुछ देर बाद उसकी मौत हो जाती है।
जर्मनी की सैन्य प्रयोगशाला में नवलनी को नोविचोक दिए जाने की पुष्टि की थी। जर्मनी की सरकार के प्रवक्ता स्टीफन सीबर्ट ने कहा है कि हेग स्थित रासायनिक हथियारों की रोकथाम करने वाला संगठन अब नवलनी के मामले में आवश्यक कदम उठाएगा।
सीबर्ट ने कहा कि तीन स्वतंत्र प्रयोगशालाओं की जांच में पुष्टि हो चुकी है कि नावाल्नी को घातक जहर नोविचोक दिया गया। उन्होंने बताया कि जर्मनी ने फ्रांस और स्वीडन से मामले के स्वतंत्र परीक्षण के लिए कहा था। इसी के चलते दोनों देशों की प्रयोगशालाओं ने नए नमूने लिए और जर्मनी की प्रयोगशाला से पृथक जांच की। हेग की संस्था ने भी अलग से नमूना लिया है।
जर्मनी ने रूस से मामले की जांच की मांग की है। सीबर्ट ने सोमवार को यह मांग फिर दोहराई। कहा, रूस खुद ही पूरा मामला सार्वजनिक करे। प्रवक्ता ने कहा, जर्मनी अपने यूरोपीय मित्र देशों के साथ अगले कदम को लेकर विचार-विमर्श कर रहा है। जबकि रूसी राष्ट्रपति का क्रेमलिन कार्यालय इस मामले में सरकारी हाथ होने से पहले ही इन्कार किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सबसे मुखर विरोधी के रूप में ख्यात नवलनी 20 अगस्त को साइबेरिया से मॉस्को जाते समय अचानक अचेत हो गए थे। जहर दिए जाने की चर्चाओं के बीच उन्हें उसी हालत में इलाज के लिए जर्मनी लाया गया। इस समय बर्लिन के चैरिट अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
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