लखनऊ। समाजवादी पार्टी(सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के झूठे वादों से किसान त्रस्त है। कई जनपद बाढ़ग्रस्त हैं, लोग तटबंधों पर या छतों पर दिन गुजार रहे हैं। पशुओं की जिन्दगी भी संकट में हैं। कई जगह नदियों का उफान खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सड़कें, पुल क्षतिग्रस्त हैं। किन्तु भाजपा सरकार को प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने का समय नहीं है। भाजपा सरकार राज्य की परेशान हाल जनता की खोज खब़र नहीं ले रही है।
उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी के पलिया कलाॅ में शारदा, बलिया के तूतीपार क्षेत्र में सरयू, गोरखपुर के बर्डघाट एवं श्रावस्ती के राप्ती बैराज में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नेपाल व बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद गंगा, घाघरा नदियां उफान पर है। इनके तटबंधों को खतरा उत्पन्न हो गया है। बाढ़ की भयावह स्थिति और तटबंध टूटने की आशंका से ग्रामीणों में दहशत है। रोहिनी नदी, कुवानों, गंडक, कुनहरा नदियां भी खतरे के निशान के नजदीक बह रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि झांसी मण्डल में किसानों को गेहूं की उपज का करोड़ों रूपये बकाया है। बदायूं सहित कई जनपदों में किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है। बुन्देलखण्ड में खेती चौपट हो रही है, सरकार का उधर ध्यान नहीं है। गन्ना किसानों का 15 हजार करोड़ रूपये का भुगतान अभी भी नहीं हो पाया है। मिल मालिकों पर सरकार का कोई जोर नहीं है। वैसे भी भाजपा किसानों के हितों की अनदेखी करती रही है। वह तो बस कारपोरेट घरानों से ही खास नाता रिश्ता रखती है। भाजपा ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी करना भाजपा का सबसे बड़ा झांसा है। भाजपा को इसका जवाब भी 2022 में मिल जायेगा। (एजेन्सी, हि.स.)
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