ब्रसेल्स। नाटो ने यूक्रेन के ऊपर उड़ान वर्जित क्षेत्र बनाने की यूक्रेन सरकार की मांग ठुकरा दी है। नाटो महासचिव जेन्स स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि ऐसा कोई भी कदम यूरोप में बड़े युद्ध में बदल सकता है। शुक्रवार को नाटो देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद उन्होंने कहा, हम यूक्रेन में नहीं जा रहे हैं, न जमीन पर और न ही हवा में।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने जैपोरिझिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लगने के बाद अपने देश में उड़ान वर्जित क्षेत्र बनाने की अपील पश्चिमी देशों से की थी। स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा, उड़ान वर्जित क्षेत्र बनाने का एकमात्र तरीका नाटो के लड़ाकू विमानों को यूक्रेन भेजना है। लेकिन यदि हमने ऐसा किया तो हम यूरोप में पूर्ण युद्ध को न्योता देंगे। नाटो सहयोगियों के रूप में इस युद्ध को यूक्रेन से बाहर न फैलने देना हमारी जिम्मेदारी है।
50 शीर्ष रूसी अधिकारियों पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध
बाइडन प्रशासन ने रूस के 50 बड़े अधिकारियों और नेताओं पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। इनमें क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमिद्घी पेस्कोव्ट भी शामिल हैं। इन सभी के परिवारों को भी प्रतिबंध के दायरे में रखा गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा, प्रतिबंध उन लोगों को निशाना बनाएगा जो रूसी लोगों के पैसे अपनी जेबें भर रहे हैं। आज मैं इस सूची में दर्जनों और लोगों के नाम जोड़ने की घोषणा कर रहा हूं और इनमें एक रूस का अरबपति भी है।
फंसे लोगों को निकालने के लिए युद्धविराम के पक्ष में भारत
भारत ने पूर्वी यूक्रेन में अपने शेष बचे हुए नागरिकों को निकालने के लिए रूस और यूक्रेन की सैन्य टुकड़ियों के बीच युद्धविराम की मांग की है और कहा है कि नागरिकों को निकालने के लिए सुरक्षित गलियारा बनाने के समझौते पर अमल अभी बाकी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि खारकीव में अब भी 300 के आसपास भारतीय फंसे हैं जबकि सुमी में इनकी संख्या करीब 700 है। पेशोचिन से पांच बसों में करीब 900 लोग निकाले गए हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने रूस के 3.30 करोड़ डॉलर फ्रीज किए
ऑस्ट्रेलिया ने रूस पर लगाए प्रतिबंधों के तहत करीब 3.30 करोड़ डॉलर ऑस्ट्रेलियाई वित्तीय संस्थान में फ्रीज किए। विदेश मंत्री मरीस पेन ने बताया पुतिन सहित 350 रूसी नागरिकों पर विभिन्न प्रतिबंध लगाए गए हैं। बेलारूस के रक्षा मंत्री विक्टोर क्रेनिन सहित वहां के 13 नागरिक भी प्रतिबंधित किए गए।
रूस ने विदेशी कंपनियों को दिए 3 विकल्प रुको, जाओ या शेयर स्थानीय हाथों में दो
रूस पर चौतरफा आर्थिक प्रतिबंधों से सांसत में आई विदेशी कंपनियों को रूस ने शुक्रवार को तीन विकल्प दिए हैं। रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री आंद्रेई बेलोसोव ने यूक्रेन पर रूसी हमले के एक सप्ताह बाद तब ये विकल्प दिए जब फ्रांसिसी बैंक सोसिएट जनरल ने चेतावनी दी कि वह अपने रूसी कारोबार को समेट सकता है। इसके कारण रूस में रुकने का मन बनाने वाली कंपनियों में सिहरन दौड़ गई।
बेलोसोव ने बयान जारी कर कहा, कंपनियां रूस में रुक कर कारोबार कर सकती है। दूसरा विकल्प यह है कि विदेश हिस्सेदार अपने रूसी साझेदारों को शेयर ट्रांसफर करके निकल सकते हैं और स्थिति ठीक होने पर लौट सकते हैं। तीसरा, कंपनी रूस में कारोबार स्थाई रूप से बंद करे, उत्पादन बंद करे और कर्मचारियों को हटा दे। बेलोसोव ने कहा, इनमें से कोई भी राह बिना जोखिम के नहीं है। जो रुकेंगे उन्हें पश्चिमी बाजार की आलोचना झेलनी होगी।
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