जबलपुर/भोपाल। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (National Legal Services Authority) नई दिल्ली के निर्देश पर मध्यप्रदेश में शनिवार, 10 जुलाई को उच्च न्यायालय स्तर से लेकर जिला न्यायालयों और तालुका न्यायालयों (Taking District Courts and Taluka Courts), श्रम न्यायालयों, कुटुम्ब न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इस लोक अदालत (Public Court) में न्यायालयीन लंबित दीवानी एवं आपराधिक शमनीय मामलों एवं बैंक, विद्युत, श्रम, जलकर, संपत्तिकर आदि प्री-लिटिगेशन सहित सभी प्रकार के मामलों का आपसी सुलह-मशविरे के आधार पर निराकरण किया जाएगा।
इस नेशनल लोक अदालत में संपूर्ण मध्यप्रदेश में लगभग 1209 खण्डपीठों का गठन किया गया है, जिनमें कुल एक लाख 49 हजार 235 प्रकरण निराकरण के लिए रखे जाएंगे।
नेशनल लोक अदालत में विद्युत अधिनियम के लंबित प्रकरणों में निम्नदाव श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात् 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी एवं प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारित आदेश जारी तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्ति पश्चात् 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।
नेशनल लोक अदालत में म.प्र. नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत अधिरोपित संपत्ति कर एवं जलकर के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों में बकाया राशि अनुसार अधिभार में 25 से 100 प्रतिशत तक की छूट (शर्तो के अधीन) घोषित की गई हैं। यह छूट 10 जुलाई के पश्चात् समाप्त हो जायेगी। इसलिये लोक अदालत की छूट का अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु आग्रह किया जाता है।
ऐसे इच्छुक पक्षकारगण जो न्यायालय में लंबित एवं मुकदमेबाजी के पूर्व (प्रिलिटिगेशन प्रकरण) उपरोक्त प्रकार के चिन्हित किये गये प्रकरणों व विवादों का उचित समाधान कर आपसी सहमति से लोक अदालत में निराकरण कराना चाहते है वे संबंधित न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्पर्क कर अपना मामला लोक अदालत में रखे जाने हेतु, अपनी सहमति व आवश्यक कार्यवाही 10 जुलाई के पूर्व पूर्ण कराये। ताकि सुविधानुसार मामला नेशनल लोक अदालत के विचार में लेकर निराकृत किया जा सके।
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