महिदपुर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेश अनुसार अध्यक्ष/प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, उज्जैन, एनपी सिंह के निर्देश अनुसार 10 जुलाई को जिला एवं सत्र न्यायाधीश तहसील महिदपुर के न्यायालय परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
माननीय प्रधान जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उज्जैन द्वारा तहसील महिदपुर में विचाराधीन समझौता योग्य प्रकरणों एवं प्री लिटिगेशन प्रकरणों के निराकरण हेतु चार खंड पीठ गठित की गई थी, जिसमें प्रथम खंड पीठ साबिर अहमद खान , द्वितीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश पीठासीन अधिकारी के साथ सदस्य अधिवक्ता संतोष पाटीदार एवं संजय जोशी एवं द्वितीय खंड पीठ में माधव प्रसाद नामदेव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की स्पेशल सेटिंग खंडपीठ तथा तृतीय खंड पीठ में उर्मिला चौहान, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रथम श्रेणी पीठासीन अधिकारी के साथ सदस्य अधिवक्ता दीपक लश्करी, शंकर सिंह तोमर एवं चतुर्थ खंडपीठ में सोहनलाल भगोरा व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट , प्रथम श्रेणी पीठासीन अधिकारी के साथ सदस्य अधिवक्ता से संतोष पांचाल, राजेश सोनी अधिवक्ता उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन प्रात: 10:30 बजे न्यायालय परिसर में कोविड-19 वायरस महामारी के दृष्टिगत समुचित सुरक्षा के साथ तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष साबिर अहमद खान द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। उद्घाटन समारोह में न्यायाधीशगण, अधिवक्ता संघ अध्यक्ष सुरेश छजलानी कार्यकारिणी सदस्य, वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण, बीमा कंपनी अधिवक्तागण, विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री अशोक कुमार शर्मा एवं अन्य कर्मचारीगण ,नगरपालिका के राजस्व विभाग के कर्मचारीगण, समस्त बैंकों के प्रतिनिधित्वकर्ता एवं पक्षकारगण उपस्थित रहे। उद्घाटन समारोह में अध्यक्ष साबिर अहमद खान द्वारा नेशनल लोक अदालत में समझौता द्वारा प्रकरण का निराकरण करवाने से होने वाले लाभ तथा सस्ता, शीघ्र, सुलभ न्याय की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए प्री लिटिगेशन प्रकरणों में शासन द्वारा प्रदत्त अधिभार में छूट का लाभ लेने हेतु व्यक्तियों को प्रेरित कर अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करवाने हेतु अपील की गई। न्यायालय परिसर में विद्युत विभाग, नगरपालिका, समस्त बैंकों द्वारा अपने-अपने काउंटर लगाकर प्री लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करवाया गया। प्रथम खंडपीठ में 11 सिविल प्रकरण (क्लेम एवं निष्पादन प्रकरण) 06 आपराधिक प्रकरण कुल 17, द्वितीय खंडपीठ में 01 सिविल, 07 आपराधिक प्रकरण कुल 8 प्रकरण, तृतीय खंडपीठ में 01 सिविल, 14 आपराधिक प्रकरण, कुल 15 प्रकरण एवं चतुर्थ खंडपीठ में तीन सिविल, 25 अपराधिक प्रकरण, कुल 28 प्रकरण। इस प्रकार कुल लंबित 68 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 224 व्यक्ति लाभान्वित होकर 55,65,506/- समझौता राशि हुई। प्री लिटिगेशन के 96 निराकृत किए गए, जिसमें 11,19,783/- राशि वसूल की जा सकती है। उक्त लोक अदालत में न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, कर्मचारी गण एवं पक्षकारों का सहयोग सफल रहा।
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