उज्जैन। इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत का आयोजन परसों 12 नवंबर को आयोजित होगा। जिला और तहसील न्यायालयों में खंडपीठें समझौता योग्य सैकड़ों प्रकरणों का निराकरण करेंगी। इनमें नगर निगम, विद्युत मंडल व अन्य विभाग बकाया भुगतान संबंधी प्रकरणों में विशेष छूट का फायदा भी उपभोक्ताओं को देंगे। इसके अलावा पारिवारिक विवाद के मामले में भी आसानी से सुलझाए जाएंगे।
शनिवार 12 नवबंर को राज्य एवं जिला स्तर पर आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालतों में विद्युत वितरण कम्पनी, नगरीय विकास एवं आवास, उपभोक्ता संरक्षण के साथ ही बैंकिंग, बीमा, रेलवे और डाक सेवा जैसे विभागों से संबंधित मामलों का निपटारा आपसी समन्वय एवं समझौते से किया जायेगा। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 एवं 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में लोक अदालत में समझौता शर्तां का मसौदा जारी कर दिया गया है। कंपनी द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं से लोक अदालत के जरिये मामले सुलझाने की अपील की गई है। बिजली कंपनी ने निर्णय लिया है कि प्री-लिटिगेशन से निराकरण के लिये निम्न दाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी जाएगी। कंपनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात 6 माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट शर्तों के तहत दी जाएगी। नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी-अनाधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी।
नगर निगम देगा वन टाईम सेटलमेंट में छूट
नेशनल लोक अदालत के तहत नगर निगम द्वारा नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत निहित शक्तियों को उपयोग में लाते हुए राज्य शासन सम्पत्ति कर अधिभार में कुछ शर्तों के साथ छूट प्रदान करेगा। इसमें बकाया राशि में 50 प्रतिशत तक की छूट मात्र एक बार (वन टाइम सेटलमेंट) ही दी जाएगी। छूट उपरांत राशि अधिकतम दो किश्तों में जमा कराई जा सकेगी, जिसमें कम से कम 50 प्रतिशत राशि लोक अदालत के दिन जमा करवाना अनिवार्य होगी। बैंकिंग, बीमा, रेलवे और डाक सेवा जैसे विभागों से संबंधित प्रमुख उत्तरदाताओं से नेशनल लोक अदालत में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की गई है।
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