इंदौर (Indore)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली (National Legal Services Authority New Delhi) के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश उच्य न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के मुख्य न्यायाधिपति रवि मलिमट एवं मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायाधिपति सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी के आदेशानुसार आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में उच्च न्यायालय इन्दौर की ओर से लगभग 411 प्रकरणों को लोक अदालत में निराकरण हेतु गठित खण्डपीठ न्यायाधिपति विवेक रूसिया एवं सदस्य डॉ. विवेक श्रीवास्तव के समक्ष रखा गया। जिसमें खण्डपीठ द्वारा 174 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर द्वारा एक अनूठी पहल की शुरुआत करते हुए स्वयं द्वारा दर्ज कराये गये एम.ए.सी.टी. प्रकरण (शासकीय कार दुर्घटना) को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराकर एक उदाहरण पेश करते हुए आमजन को वैकल्पिक विवाद समाधन हेतु प्रोत्साहित किया। उक्त प्रकरण की पैरवी हेतु उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर की ओर से ओ.एस.डी., रजिस्ट्रार नवीन पाराशर को ओ.आई.सी. नियुक्त किया गया एवं अधिवक्ता समीर वर्मा द्वारा उच्च न्यायालय इन्दौर की ओर से निःशुल्क पैरवी की गई। साथ ही आई.सी.आई.सी.आई. लोम्बार्ड कंपनी की तरफ से अधिवक्ता मनोज जैन द्वारा पक्ष रखते हुए 1,19,585/- रुपये (एक लाख उन्नीस हजार पांच सौ पचासी रुपये) में समझौता कर शासकीय धनराशि की बचत की।
खण्डपीठ में सिविल (एम.ए.सी.टी.आदि), रिट एवं क्रिमिनल से संबंधित 411 प्रकरणों को सुनवाई हेतु रखा गया था, जिसमें लगभग 174 प्रकरण निराकृत होकर, कुल मुआवजा राशि 1,82,61,233/- रुपये ( एक करोड़ बयासी लाख इकसठ हजार दो सौ तैतीस रुपये) के अवार्ड पारित किये गये। नेशनल लोक अदालत में प्रिंसिपल रजिस्ट्रार अजय प्रकाश मिश्र, रजिस्ट्रार नवीन पाराशर एवं विधिक सहायता अधिकारी श्री मनीष कौशिक तथा उच्च न्यायालय एवं विधिक सेवा समिति के अधिकारी एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे ।
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