नई दिल्ली (New Delhi) । जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (Jammu and Kashmir National Conference) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने रविवार को बेंगलुरु (Bengaluru) में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा. ‘संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन-2024’ में समापन भाषण देते हुए श्रीनगर से सांसद ने लोकसभा चुनाव से पहले ईवीएम को लेकर भी चिंता जताई और उम्मीद जताई कि निष्पक्ष चुनाव हों.
फारूक ने कहा, “मैं अपने लोगों की ओर से आपके लिए शुभकामनाएं लेकर आया हूं. कश्मीर भारत का हिस्सा है, भारत का हिस्सा रहा है और भारत का हिस्सा रहेगा.” हालांकि, उन्होंने कहा कि देश को मजबूत बनाने के लिए इसकी विविधता को संरक्षित करने की जरूरत है. एनसी चीफ ने कहा, “धर्म हमें बांटता नहीं है, धर्म हमें जोड़ता है. कोई भी धर्म बुरा नहीं है, हम ही हैं जो इसका बुरी तरह पालन करते हैं. अगर हमें आगे बढ़ना है तो आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता एक-दूसरे के साथ खड़ा होना है, चुनौतियों का सामना करना है. राष्ट्र को एकजुट होकर उन बुराइयों से लड़ना चाहिए जो हमें बांटना चाहती हैं.”
आज संविधान खतरे में: फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा कि संविधान आज खतरे में है. इसको मजबूत करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो आने वाले दिनों में हमें इसका पछतावा होगा. हमें आज इस मशीन (ईवीएम) पर पछतावा है, जो कई साल पहले आई थी.”
एनसी अध्यक्ष ने कहा, “आज हम इस मशीन पर भरोसा नहीं करते क्योंकि इसमें छेड़छाड़ की गई है और जो लोग वोट देते हैं, उन्हें वहां अपना वोट नहीं दिखता. मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग इस पर उचित ध्यान देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि लोगों को सच्चा चुनाव मिले.”
उन्होंने कहा, “लोग जो चाहते हैं, वह उन्हें दिया जाना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि ऐसा होगा अन्यथा समय आएगा जब संविधान जैसा कुछ नहीं होगा, हमारे पास जो विविधता है, वह कुछ नहीं होगी.”
इसी कार्यक्रम में सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक चरित्र को आरएसएस द्वारा समर्थित फासीवादी “हिंदुत्व राष्ट्र” चरित्र में बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जिसका समाज ‘मनुस्मृति’ पर आधारित होगा. जाति उत्पीड़न और पदानुक्रम का आधार.
ये लड़ाई भारत को आगे और पीछे ले जाने वालों के बीच: सीताराम येचुरी
उन्होंने कहा, “जब हमने इस संविधान को अपनाया था तो हमने उन्हें इतिहास में पीछे छोड़ दिया था, वे (भाजपा) अब हमें इतिहास के अंधेरे में वापस ले जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम भारत को भविष्य की चमक में ले जाना चाहते हैं. इसलिए यह लड़ाई भारत को आगे और पीछे ले जाने वालों के बीच की है.”
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