जयपुर ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को धन्वंतरि जयंती पर वर्चुअल कार्यक्रम में राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान (National Ayurved Institute), जयपुर को डीम्ड (मानद) विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। 175 वर्ष पुराने जयपुर के संस्थान को मानद उपाधि दिए जाने से शैक्षिक स्वायत्तता प्राप्त होगी जिससे आयुर्वेद के क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय (इंस्टिट्यूट फॉर पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद) को भी इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेशनल इंर्पोटेंस का दर्जा दिया।
प्रधानमंत्री ने धनतेरस और भगवान धन्वंतरि जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के इस पावन दिन आयुर्वेद दिवस पर भगवान धन्वंतरि भारत सहित पूरी दुनिया को आरोग्य का आशीर्वाद दें। उन्होंने कहा कि आज का दिन गुजरात और राजस्थान के लिए विशेष है। राजस्थान के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को मानद विश्वविद्यालय की उपाधि दिए जाने के साथ ही जामनगर स्थित गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय (इंस्टिट्यूट फॉर पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग एंड रिसर्च इन आयुर्वेद) को भी इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेशनल इंर्पोटेंस का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत की विरासत है, जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई है। यह पारंपरिक ज्ञान अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है। पिछले साल की तुलना में आयुर्वेद औषधियों का निर्यात 45 फीसदी बढ़ा है। आयुर्वेदिक दवाओं और भारतीय मसालों पर दुनिया का विश्वास बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी का भारत टुकड़ों में नहीं समग्र तरीके से सोच रहा है। आज देश में सस्ते प्रभावी इलाज के साथ-साथ प्रिवेंटिक हेल्थ के साथ ही वेलनेस पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं जिससे बीमार करने वाली स्थितियां दूर हों। डेढ़ लाख हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर देश के कोने-कोने में स्थापित किए जा रहे हैं। कोरोना के मुश्किल समय में भारत ने एक बार फिर दिखा दिया है कि हेल्थ और वेलनेस की पद्धति कितनी कारगर है।
वर्चुअल कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, गुजरात के राज्यपाल देवव्रत आचार्य, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, आयुष मंत्री श्रीपद यशो नायक के साथ मंत्रालय की अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में राजस्थान के स्वास्थ मंत्री डॉ. रघु शर्मा, सांसद रामचरण बोहरा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ भी जुड़े।
राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान के निदेशक प्रोफेसर संजीव शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्वेदिक संस्थान आयुष मंत्रालय के अंतर्गत देश का प्रथम संस्थान है जिसे मानद विश्वविद्यालय की उपाधि दी गई। इससे 175 वर्ष पुराने इस संस्थान में नए पाठ्यक्रमों और नई गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा पहले ही छह एकीकृत पीजी पाठ्यक्रमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इससे आयुर्वेदिक शिक्षा, अनुसंधान, संकाय और छात्र विनिमय आदि के क्षेत्र में प्रशिक्षण और सहयोग मिलेगा और अधिक विदेशी राष्ट्रों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। साथ ही जयपुर के पर्यटन को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। (हि.स.)।
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