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    MP के मदरसों में अब राष्ट्रगान और आधुनिक शिक्षा अनिवार्य, जानिए नियम

  • December 19, 2024

    भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की बीजेपी सरकार एक बार फिर से मदरसों पर शिकंजा (Clampdown on Madrasas) कसने की तैयारी में है. सरकार ने मदरसों के नए नियमों को लागू करने के लिए कमर कस ली है. नए नियम तैयार कर लिए गए हैं और जल्द ही ने सभी मदरसों में अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा. नए नियमों के तहत मदरसों में आधुनिक शिक्षा को अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा राष्ट्रगान और कौमी तराना (राष्ट्रीय गीत) भी मदरसे में अनिवार्य किया जाएगा.

    मदरसा अधिनियम बनाने के बाद से लेकर अब तक उसकी मान्यता के नियम नहीं बने थे. अब नियम बनाकर इन्हें लागू किया जाएगा. साल 1998 में मदरसा बोर्ड अधिनियम पारित किया गया था. इसका मुख्य कार्य तालीम दे रहे मदरसों को दीनी तालीम (धार्मिक शिक्षा) के साथ-साथ राज्य शासन में स्वीकृत पहली से आठवीं तक के पाठ्यक्रम की शिक्षा भी देना अनिवार्य किया गया था. नियम लागू नहीं होने से कई मदरसे मनमर्जी कर रहे थे. 25 साल के बाद अब मोहन यादव सरकार ने मदरसों की मान्यता को लेकर मसौदा तैयार कर लिया है.

    नए मसौदे में क्या-क्या हैं नियम ?
    सरकार ने मदरसों को लेकर जो मसौदा तैयार किया है उसमें मदरसों में सुबह राष्ट्रगान और छुट्टी के वक्त कौमी तराना गाना अनिवार्य होगा.
    मदरसों में दीनी तालीम के साथ आधुनिक शिक्षा देना अनिवार्य होगा.
    मदरसों के आगे आधुनिक मदरसा लिखना होगा. इसके साथ ही मदरसों के नाम भी रखे जाएंगे.
    मदरसों के आगे स्कूल शब्द नहीं लिखा जा सकेगा.
    नए नियमों के मुताबिक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में कोई दूसरा मदरसा स्थापित नहीं होगा.
    गैर मुस्लिम वर्ग के बच्चे मदरसे में प्रतिबंधित नहीं होंगे लेकिन उन्हें अपने अभिभावकों की सहमति हलफनामे में पर लेना अनिवार्य होगा.
    निश्चित समय पर मदरसे को ऑडिट रिपोर्ट भी देनी होगी.

    भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब तक मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य क्यों नहीं था, उन्होंने इसके लिए कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार बताया, उन्होंने आगे कहा, ”देश को मुल्ला मौलवी की नहीं वैज्ञानिकों और डॉक्टर की जरूरत है”.

    नए मसौदे को लेकर कांग्रेस विधायक आतिफ अक़ील का कहा, ”सरकार केवल ध्यान भटकना चाहती है, असल मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं है. सरकार को मदरसों की चिंता होती तो बजट में उसका ध्यान रखती. बीजेपी की सुई एक जगह आकर अटक गई है. बांटने की राजनीति करने वाले नेताओं को दिमागी इलाज की जरूरत है”.

    पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने नए नियमों का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार नियम बना रही है तो अच्छी बात है. राष्ट्र निर्माण में मदरसों का भी योगदान होना चाहिए. राष्ट्रगान और आधुनिक शिक्षा बहुत जरूरी है.

    सरकार मदरसों को लेकर शिकंजा इसलिए भी कसना चाहती है क्योंकि लिखित में नियम नहीं लागू होने के चलते कई मदरसे मनमानी करने लगे थे, ऐसे में राजनीति अपनी जगह है लेकिन मदरसों को मुख्य धारा से जोड़ने में सरकार का ये कदम महत्वपूर्ण माना जा सकता है.

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