- कोरोना काल में माता पिता को खो चुके 300 से ज्यादा बच्चों को अभी तक नहीं मिली आर्थिक मदद
- महाकाल मंदिर में लगा ऐसे बच्चों को गोद लेने का काउंटर
उज्जैन। कोरोना काल में जिले में 300 से ज्यादा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों ने अपने माता-पिता या पिता को खो दिया है। इसके बाद से उनका लालन-पालन करने वाला कोई नहीं रहा। महिला एवं बाल विकास विभाग ऐसे 347 बच्चों को सर्वे में ढूंढ चुका है। इसके बाद भी 300 से ज्यादा बच्चों को आर्थिक मदद सरकार से नहीं मिल पा रही। ऐसे बच्चों की मदद के लिए महाकाल मंदिर में शनिवार से काउंटर खोला गया है। इसके माध्यम से कोई भी दानदाता किसी भी अनाथ बच्चे का निर्धारित सालाना खर्च दान के जरिये उठा सकेगा। इससे बच्चों को मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की शुरुआत उज्जैन जिले में 23 मार्च 2020 से शुरु हो गई थी। तब से लेकर आज तक जिले में 24 हजार 371 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, वहीं सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे जिले में इस बीमारी से अब तक 176 लोगों की जान चली गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एस.ए. सिद्दीकी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पिछले दिनों पूरे जिले में विभाग द्वारा सर्वे कराया गया था। इसमें पूरे जिले में 347 बच्चे ऐसे चिन्हित किए गए थे जिनके माता-पिता या पिता की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है और ऐसे बच्चों का लालन-पालन करने वाला कोई नहीं रहा। इनमें से अभी तक 40 बच्चों को आर्थिक मदद केन्द्र सरकार की योजना के मुताबिक मिल पा रही है, जबकि 307 बच्चे अभी भी ऐसे हैं जिन्हें मदद की आवश्यकता है। इसके लिए विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं से संपर्क कर ऐसे बच्चों को गोद लेने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में महाकालेश्वर मंदिर समिति ने विभाग से पिछले दिनों कोरोना काल में अनाथ हुए ऐसे बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है तथा शासन की ओर से अभी तक उन्हें आर्थिक मदद मिलना शुरु नहीं हुई है की जानकारी मांगी थी। इसके बाद शनिवार से महाकालेश्वर मंदिर में ऐसे अनाथ बच्चों को गोद लेने के लिए अलग से काउंटर शुरु किया गया है। इसके तहत यहाँ कोई भी दानदाता बच्चे को गोद ले सकता है तथा प्रतिमाह 2 हजार रुपए के मान से शासन द्वारा निर्धारित आर्थिक सहायता दान में दे सकता है। मंदिर समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि शनिवार से यह काउंटर शुरु कर दिया गया है और आने वाले दानदाताओं को इसमें सहयोग के लिए कहा जाएगा ताकि कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को मंदिर समिति की ओर से दानदाताओं द्वारा मदद प्राप्त हो सके।