धरोहर के भूखंडों के साथ नाचानी-छाबड़ा को भी बेच डाली सदस्यों की जमीन… अब दूसरी बार धराया
इंदौर। पुलिस की गिरफ्त में आया नसीम हैदर (Naseem Haider) भूमाफियाओं का कर्मचारी रहा है। बॉबी छाबड़ा (Bobby Chhabra) और दीपक मद्दा (Deepak Madda) ने नसीम से मजदूर पंचायत गृह निर्माण की 200 से ज्यादा रजिस्ट्रियां करवा दी। 10 हजार रुपए महीने पर इस कर्मचारी को रखा, जो पहले अंडे बेचने का ठेला लगाता था। उसे हर रजिस्ट्री पर एक हजार रुपए की राशि मद्दा द्वारा दी जाती थी। संस्था में उसे प्रबंधक बना दिया गया। अभी पुष्प विहार ( Pushp Vihar) में प्रशासन कब्जे दिलवा रहा है। उसके धरोहर के भूखंडों के अलावा कुछ बड़ी-बड़ी जमीनों के टुकड़े नाचानी-छाबड़ा को बेच दिए और दूसरी बार पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पिछले दिनों चर्चित भूमाफियाओं के साथ प्रशासन ने नसीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, तब से वह फरार था।
पुलिस ने कल नसीम को हुसैन टैकरी जावरा से गिरफ्तार किया है। नसीम हैदर पूर्व में भी इसी फर्जीवाड़े में गिरफ्तार हुआ था। दरअसल जिस तरह अन्य गृह निर्माण संस्थाओं पर भूमाफियाओं ने अपने गुर्गों, कर्मचारियों को पदस्थ करवाकर खेल किए उसी तर्ज पर पुष्प विहार कालोनी, जिसकी संस्था मजदूर पंचायत है, की जमीनें भी नसीम हैदर से रजिस्ट्रियां करवाकर बिकवा दी। इसमें धरोहर के भूखंडों के साथ-साथ सदस्यों की रजिस्ट्री किए हुए भूखंडों के बड़े-बड़े टुकड़े, जो लगभग 10 एकड़ थे, वे भी केशव नाचानी (Kewash Nachani), ओमप्रकाश धनवानी (Omprakash Dhanwani के साथ गुरजीतसिंह छाबड़ा को बेच दिए। हालांकि छाबड़ा ने ये जमीन सरेंडर कर दी है। वहीं नाचानी ने इस जमीन के बदले इलाहाबाद बैंक से लोन ले लिया और 10 करोड़ रुपए के लोन के एवज में बैंक ने जमीन को बंधक रख लिया है। 10 हजार रुपए की नौकरी पर दीपक मद्दा और बॉबी ने नसीम को रखा, जो पहले अंडे बेचने का ठेला लगाता था और उससे अवैध रजिस्ट्रियां बतौर प्रबंधक बनाकर करवा दी। पुलिसिया पूछताछ में नसीम भूमाफियाओं के खेल भी उजागर करेगा। दूसरी तरफ पुष्प विहार में भूखंडों के कब्जे देने की प्रक्रिया लगातार जारी है। 700 से अधिक सदस्यों को कब्जे दिए जा चुके हैं और उन 162 रजिस्ट्रीधारकों के लिए भी शिविर लगाया गया जो चेन रजिस्ट्री वाले हैं। यानी सदस्यों ने दूसरे, तीसरे, फिर चौथे व्यक्ति को रजिस्ट्री कर दी है। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर के मुताबिक 1200 से अधिक संस्था के सदस्य हैं, जिनमें से 700-800 को कब्जा देने की कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है और पिछले दिनों की आमसभा में सरेंडर हुई जमीनों के संबंध में भी प्रस्ताव पारित हो गया है।
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