वाशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस महीने के अंत में अपना डार्ट (डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट) मिशन लॉन्च करने वाली है। जिसके तहस नासा एस्टेरॉयड को जानबूझकर टक्कर मारकर नष्ट करने की तैयारी कर रहा है। नासा का स्पेसक्राफ्ट 26 दिसंबर को करीब 7.14 बजे इस मिशन को लॉन्च करने वाला है। भारतीय समय के अनुसार यह 27 सितंबर की सुबह 4.44 बजे लॉन्च होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मिशन के तहत हमारे पृथ्वी को खतरा पैदा करने वाले किसी भी एस्टेरॉयट की दिशा को बदला जा सकेगा या उसे नष्ट किया जा सकेगा। स्पेसक्राफ्ट (अंतरिक्ष यान) का इस्तेमाल करके एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) की दिशा मोडने वाली इस प्रक्रिया को ‘कायनेटिक इंपेक्ट मेथड’ कहा जा रहा है।
जॉन हॉपकिन्स एप्लाइट फिजिक्स लेबोरेटरी में मिशन सिस्टम इंजीनियर एलेना एडम्स और उनकी टीम अगले दो सप्ताह तक डिडिमोस (डबल एस्टरॉयड सिस्टम) को ऑब्जर्व करने में बिताएगी। यह टीम यह देखेगी की कि इससे कोई खतरा तो नहीं है। नासा का डार्ट मिशन अपने आप में अभी तक का पहला प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट मिशन होगा। जिसे जानबूझकर एस्टेरॉयड से टकराया जाएगा।
नासा के टेक्निकल मैनेजर कहते हैं, यह इंसानों का पहले प्लेनेटरी डिफेंस टेस्ट मिशन है। यह पहली बार है जब किसी सिविल मिशन में डिफेंस टेक्नोलॉजी का टेस्ट किया जाएगा। हम यह नहीं जानते की टारगेट का सही आकार क्या है या यह किस चीज से बना है। हालांकि डिमोर्फोस से पृथ्वी को कोई वास्तविक खतरा नहीं है। इससे यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि अगर भविष्य में एस्टेरॉयड से पृथ्वी को कोई खतरा होता है तो यह तकनीक प्रभावी होगी या नहीं।
डार्ट मिशन को इसलिए लॉन्च किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि अगर भविष्य में कोई एस्टेरॉयड हमारे पृथ्वी ग्रह की ओर बढ़ता है तो क्या हम उसे इस तकनीक से नष्ट कर सकेंगे या उसका मार्ग बदल सकेंगे।
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