वॉशिंगटन: मंगल ग्रह (Mars) का पहला नक्शा तैयार कर लिया गया है. नया नक्शा ग्रह के संभावित विकास के सात अरब वर्षों पर एक नजर डालता है. NASA की ‘इनसाइट’ जांच का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने लैंडर के उपकरणों की मदद से मंगल ग्रह का नया नक्शा तैयार किया है.
मंगल ग्रह के बारे में और जानने में मिलेगी मदद
इस उपकरण का इस्तेमाल सीधे ग्रहों की सतह के नीचे देखने के लिए किया जाता है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस नई तकनीक से मंगल ग्रह के बारे में और ज्यादा जानने में मदद करेगी. हालांकि इसे अभी तक जारी नहीं किया गया है. स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, ज्यूरिख (ETH) में स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के भूभौतिकीविद् सेड्रिक श्मेल्ज़बैक ने बताया कि हमने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया, जो यहां पृथ्वी पर विकसित की गई है.
दिखीं गहरी तलछट की अनदेखी परतें
इसका इस्तेमाल भूकंप के जोखिम के लिए स्थानों को चिह्नित करने और उपसतह संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है. ये तकनीक Ambient Vibration पर आधारित है. नया नक्शा गहरी तलछट की अनदेखी परतों साथ ही ठोस लावा के मोटे जमाव को दिखाता है जो धूल की 10 फीट मोटी परत में ढका हुआ है. माना जाता है कि तलछट की परत सतह से लगभग 230 फीट नीचे है, जिसके दोनों ओर प्राचीन लेव की एक परत है.
मंगल पर विशाल महासागर और नदियां
उन्होंने कहा कि हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह परत कितनी पुरानी है, लेकिन यह हमें दिखाता है कि उस साइट पर भूवैज्ञानिक इतिहास वास्तव में उससे कहीं अधिक जटिल है, जितना हमने मूल रूप से सोचा था. यह आशा की जाती है कि यह नई तकनीक वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के बारे में और ज्यादा जानने में मदद करेगी. इसी तकनीक का उपयोग करने वाले पिछले अध्ययनों से पता चला है कि मंगल पर कभी विशाल महासागर और नदियां होती थीं.
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