नई दिल्ली। देश कोरोना वायरस(Corona virus) की दूसरी लहर (2nd Wave) से जूझ रहा है और नए मामलों के साथ मौत के आंकड़ों में उतार-चढ़ाव जारी हैं. इस बीच कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को महामारी(Pandemic) के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. भारत (India) में इस समय तीन वैक्सीन (Covaxine, Coveshield और Sputnik V) दी जा रही है. हालांकि इस बीच नाक से दी जाने वाली वैक्सीन(Nasal Corona Vaccine) पर भी काम चल रहा है.
कोरोना वायरस (Corona virus ) महामारी (Pandemic) के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत समेत 5 देशों में नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल का कहना है कि भारत बायोटेक अपनी नेजल वैक्सीन के 10 करोड़ डोज इस साल दिसंबर तक ला सकती है.
सीरम इंस्टीट्यूट की सिंगल डोज वाली वैक्सीन
भारत में कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने अमेरिकी कंपनी कोडाजेनिक्स (Codagenix) के साथ मिलकर इंट्रानेजल वैक्सीन COVI-VAC पर काम कर रही है, जो सिंगल डोज वाली वाली कोरोना रोधी वैक्सीन है. फिलहाल वैक्सीन के पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है.
अमेरिकी कंपनी ऑल्टइम्यून की वैक्सीन
अमेरिकी कंपनी ऑल्टइम्यून (Altimmune), एडकोविड (AdCOVID) नाम की नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन (Nasal Corona Vaccine) बना रही है. फिलहाल वैक्सीन के पहले चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और इस साल दूसरी तीमाही तक ट्रायल के नतीजे सामने आ सकते हैं. कंपनी का कहना है कि वायरस नाक में रिपॉजिटरी बनाता है, जो ज्यादा प्रभावी होगी.
फिनलैंड भी बना रहा
फिनलैंड (Finland) की रोकोटे लैब में भी कोरोना के खिलाफ जंग के लिए इंट्रानेजल वैक्सीन (नाक से दी जाने वाली वैक्सीन) पर काम चल रहा है.
कनाडा में बनी नेजल स्प्रे का चल रहा ट्रायल
कनाडाई कंपनी सैनोटाइज (SaNOtize) ने नेजल स्प्रे डेवलप किया है और इसके दो फेस के क्लिनिकल ट्रायल भी हो गए हैं, जो सफल रहे हैं. कुछ रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि कपंनी भारत में एंट्री के लिए पार्टनर की तलाश कर रही है.
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