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    ISS में भेजने से पहले यात्री को प्रशिक्षित करेगा नासा, कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित होगा मिशन

  • November 30, 2023

    बंगलूरू। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजने की पेशकश के साथ नासा प्रशासक बिल नेल्सन ने बुधवार को कहा कि नासा इसके लिए प्रशिक्षण भी देगी। यूआर राव उपग्रह केंद्र (URSC) में नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार (निसार) उपग्रह से जुड़े परीक्षण में आए नेल्सन ने यह जानकारी दी। वह बृहस्पतिवार को भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर (रि.) राकेश शर्मा से भी भेंट करेंगे।

    नेल्सन एक हफ्ते के भारत दौरे पर मंगलवार को ही पहुंचे थे। उन्होंने विश्वेश्वरैया औद्योगिक व तकनीकी संग्रहालय में विद्यार्थियों से बातचीत की। कहा, नासा और इसरो के साथ किए जा रहे काम पूरी दुनिया में आर्टिमिस पीढ़ी (नई पीढ़ी) के नागरिकों के लिए कई संभावनाएं पैदा करेंगे। निसार इसका उदाहरण है। यह उपग्रह हर 12 दिन में पृथ्वी को स्कैन कर सकेगा, यहां आ रहे भौगोलिक परिवर्तनों से पूरी दुनिया को वाकिफ रखेगा। उन्होंने बताया कि निसार में दो अलग रडार लगे हैं, एक को अमेरिका और एक को भारत ने बनाया है।

    मोदी-बाइडन में समझौते के तहत मिशन
    भारतीय को अंतरिक्ष में भेजने की योजना को नेल्सन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच समझौते के तहत बना प्रस्ताव बताया। कहा, मिशन साकार होने में एक साल लगेगा। नासा प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह मिशन कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित होगा। इसके लिए फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन अंतरिक्ष यान उपयोग होंगे। इस बारे में और विस्तृत जानकारी के लिए इसरो से बात की जा सकती है।


    दुनिया को एक करता है अंतरिक्ष
    नेल्सन ने दुनिया को एकजुट करने के लिए अंतरिक्ष को प्रमुख जरिया बताया। कहा, अंतरिक्ष से पृथ्वी पर कोई नस्ल, धर्म, विभाजन नजर नहीं आते, केवल रंग-बिरंगी धरती दिखती है। कहा, साथ काम करने से ज्यादा अच्छे परिणाम मिलते हैं। शीत युद्ध के बावजूद रूस और अमेरिका ने अंतरिक्ष में मिलकर काम किया। 2024 में हम भी जाएंगे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव : भारत के चंद्रयान-3 की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग को एक बार फिर सराहते हुए नेल्सन ने बताया कि अमेरिका भी 2024 में ऐसे ही मिशन की योजना बना रहा है। इस मिशन व्यावसायिक लैंडर चंद्रमा पर उतारे जाएंगे। भारत ने ऐसा सबसे पहले किया, उसे इसका श्रेय मिलना चाहिए।

    गगनयान मिशन को बेहतर बना सकेंगे
    भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अमेरिकी मिशन के जरिये आईएसएस पर भेजने के नासा के प्रस्ताव पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि हम चाहेंगे कि मिशन को कुछ इस प्रकार से अंजाम दें कि इससे हमें लाभ मिले। साथ ही चाहेंगे कि हमारे अंतरिक्ष यात्रियों, चिकित्सा-दल, कंट्रोल दल आदि को भी अमेरिकी केंद्रों पर प्रशिक्षण मिले। आईएसएस के लिए अंतरिक्ष उड़ान का अनुभव मिले। यह सब हमारे गगनयान कार्यक्रम को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

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