img-fluid

NASA : एस्टेरॉयड के सैंपल में मिला जीवन की उत्पत्ति का राज

January 30, 2025

नई दिल्ली. 24 सितंबर 2023 को बेन्नू उल्कापिंड (Bennu Meteorite) से लौटे नासा (NASA) के ओसाइरिस-रेक्स यान (Osiris-Rex spacecraft) के सैंपल से पता चला है कि उस एस्टेरॉयड (asteroid) पर जीवन के तत्व मौजूद है. उसके अलावा बहुत ज्यादा मात्रा में कार्बन और पानी मौजूद है. इसमें DNA और RNA के पांच न्यूक्लियोबेसेस और प्रोटीन में पाए जाने वाले 20 अमीनो एसिड में से 14 मौजूद है. तो क्या पृथ्वी पर मौजूद जितने भी जीव है वह एलियन है? और क्या वह उल्कापिंड से आए है?


Bennu एस्टेरॉयड पर भारी मात्रा में कार्बन और पानी मिला है. NASA के सैंपल रिटर्न मिशन में पता चला कि जो मिट्टी और धूल का सैंपल लेकर ओसाइरिस-रेक्स (OSIRIS-REx) आया था, वह दुनिया के बहुत काम का है. नासा के इस यान ने 1650 फीट चौड़े एस्टेरॉयड का सैंपल लेकर धरती पर भेजा. जांच करने के बाद नासा ने कहा कि इस सैंपल की पहली रिपोर्ट जांच सामने आ चुकी है.

यह रिसर्च नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई है. नासा के एस्ट्रोबायोलॉजिस्ट डेनियल जेल्विन ने कहा कि हमें जो परिणाम मिले हैं वह बेहद हैरान करने वाले हैं. यह सैंपल जिंदगी को खड़ा करने वाले बेसिक तत्वों को संजोए हुए हैं. इसका मतलब पूरे उल्कापिंड पर न जाने जीवन का कितना बड़ा भंडार मौजूद होगा.

159 साल बाद यही उल्कापिंड टकराएगा धरती से
आपको बता दें कि बेन्नू उल्कापिंड 159 साल यानी 24 सितंबर 2182 में धरती से टकरा सकता है. इसकी टक्कर से 22 परमाणु बमों के विस्फोट जितनी तबाही मचेगी. नासा ने OSIRIS-REx मिशन को उसकी मिट्टी के सैंपल लाने के लिए भेजा था. ताकि यह पता चल सके कि वो कितना मजबूत उल्कापिंड है. उसे मिसाइल से अंतरिक्ष में उड़ाया जा सकता है. या दिशा बदलने के लिए किसी हथियार को अंतरिक्ष में भेजने की जरुरत है.

लंबी यात्रा करके सैंपल लिया, फिर लौटा धरती पर
ओसाइरिस-रेक्स यानी OSIRIS-REx का पूरा नाम है ओरिजिंस, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन एंड सिक्योरिटी रिगोलिथ एक्सप्लोरर. यह अमेरिका का पहला मिशन है, जिसे उल्कापिंड का सैंपल लाने के लिए भेजा गया था. इसने तीन साल पहले Bennu से सैंपल जमा किया था. तब से ये धरती की तरफ लौट रहा था. 45 किलोग्राम के कैप्सूल में करीब 250 ग्राम सैंपल था.

डायनासोर को खत्म करने वाले एस्टेरॉयड से 20 गुना कम चौड़ा
OSIRIS-REx के प्रोजेक्ट मैनेजर रिच बर्न्स ने कहा कि हमनें सात साल पहले इस यान को बेन्नू से सैंपल लाने भेजा था. बेनू उस उल्कापिंड से 20 गुना कम चौड़ा है, जिसने डायनासोरों को पृथ्वी से खत्म कर दिया था. लेकिन अगर यह टकराया तो तबाही बड़ी होगी. चाहे जमीन से टकराए या फिर समुद्र में गिरे.

इसकी टक्कर से बनने वाला गड्ढा करीब 10 km चौड़ा होगा. इसकी वजह से टक्कर वाली जगह के चारों तरफ करीब 1000 km तक कुछ भी नहीं बचेगा. लेकिन अगर यह समुद्र में गिरा तो तबाही ज्यादा हो सकती है, क्योंकि इसकी टक्कर से उठने वाली सुनामी लहर आसपास के द्वीपों या देश में भयानक तबाही मचा सकती है.

Share:

बुमराह-शमी नहीं…चैंपियंस ट्रॉफी में कौन होगा भारत का X फैक्टर? एबी डी विलियर्स ने बताया नाम

Thu Jan 30 , 2025
नई दिल्‍ली । आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 (ICC Champions Trophy 2025)का आगाज 19 फरवरी से होने जा रहा है। टीम इंडिया(Team India) अपना पहला मैच 20 फरवरी को बांग्लादेश(Bangladesh) के खिलाफ खेलेगी, वहीं 23 फरवरी को उनका मुकाबला चिर-प्रतिद्वंद्वि पाकिस्तान से होना है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई इस आईसीसी टूर्नामेंट के लिए टीम […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
बुधवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved