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नासा के वैज्ञानिकों का खुलासा, भारत समेत इन देशों से टकरा सकता है खतरनाक एस्टेरॉयड

February 16, 2025

डेस्क। एस्टेरॉयड 2024 YR4 पर दुनियाभर के वैज्ञानिक नजर रखे हुए हैं। इस एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की संभावना बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों ने पहले इसके पृथ्वी से टकराने की एक प्रतिशत संभावना जताई थी, लेकिन अब उसे बढ़ाकर  2.3 प्रतिशत कर दिया है। वैज्ञानिक लगातार खतरे की आशंका बढ़ने से परेशान हैं। सबसे ज्यादा चिंता में डालने वाली बात यह है कि इसकी रफ्तार और आकार क्या है इसके बारे में नहीं पता है।

वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि इसका आकार 200 मीटर तक हो सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने एस्टेरॉयड 2024 YR4 से किन इलाकों को खतरा हो सकता है, इसकी पहचान शुरू कर दी। इलाकों की पहचान होने के बाद पहले से ही लोगों को बचाने की कोशिश शुरू की जा सकें। नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर पृथ्वी से एस्टेरॉयड 2024 YR4 की टक्कर होती है, तो इससे पूरा शहर नष्ट हो सकता है।

नासा ने उन संभावित रास्तों को तैयार किया है, जहां पर यह खतरनाक एस्टेरॉयड गिर सकरता है। इनमें भारत समेत कई घनी आबादी वाले देश शामिल हैं। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि अगर पृथ्वी पर एस्टेरॉयड गिरता है, तो 500 परमाणु बमों से ज्यादा शक्तिशाली ऊर्जा पैदा हो सकती है। इससे कितने बड़े स्तर पर विनाश होगा इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।


नासा के कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के इंजीनियर डेविड रैंकिन ने एस्टेरॉयड के गिरने के खतर वाले इलाकों की पहचान की है। इनमें उत्तरी दक्षिण अमेरिका से लेकर प्रशांत महासागर, दक्षिणी एशिया, अरब सागर और उप-सहारा अफ्रीका के कुछ इलाके तक शामिल हैं। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर जैसे देशों में एस्टेरॉयड के गिरने की सबसे अधिक संभावना जताई गई है। वैज्ञानिक रैंकिन का कहना है कि इसके प्रभाव पड़ने की संभावना कम है, लेकिन  2024 YR4 पृथ्वी से टकराता है, तो संभावित परिणामों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

बीते साल दिसंबर में एस्टेरॉयड 2024 YR4 को खोजा गया था। इसके बाद नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने इसे मुख्या मुद्दा बना दिया। पहले इसे टकराने की संभावना एक फीसदी थी, लेकिन अब यह बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गई है। वैज्ञानिकों ने इस बेहद खतरनाक कैटोगिरी में रखा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके आकार और रफ्तार के बारे में अधिक जानकारी नहीं है।

मिले आंकड़ों के मुताबिक, यह ऐस्टरॉयड 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी के करीब एक लाख 6 हजार किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। इसमें मार्जिन ऑफ एरर 1.6 मिलियन किलोमीटर हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दूरी पर यह एस्टेरॉयड पश्चिमी मध्य अमेरिका से लेकर उत्तरी दक्षिण अमेरिका, मध्य अटलांटिक महासागर, अफ्रीका के कुछ इलाकों से होते हुए भारत तक पहुंचने वाली एक संकीर्ण पट्टी में पृथ्वी से टकरा सकता है।

 

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