नई दिल्ली । नासा (NASA) ने अभी हाल ही में अंतरिक्ष (Space) में अपने सबसे बड़े कबाड़ यानी मलबे के ढेर का निस्तारण किया है. ये मलबा अंतरिक्ष यान (Space ship), उपग्रहों (Satellites) और स्पेस स्टेशनों (Space stations) के लिए खतरा बन चुका था. इस विशाल ढेर को पिछले हफ्ते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रिलीज किया गया. इस 2.9 टन कबाड़ के ढेर में पुरानी बैटरियों समेत स्पेस में काम आने वाला बाकी सामान था. हालांकि इससे आपको डरने की जरूरत नहीं है कि ये कचरा आपकी छत में नहीं गिरने जा रहा. ये एक लंबी प्रकिया है. इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से ऐसे मलबे का निस्तारण सामान्य प्रक्रिया है. जिसके धरती के वातावरण में आने में काफी समय लगता है.
फिलहाल इस तरह चल रहा काम
जापान (Japan) की बात करें तो जापान (Japan) अपने H-II ट्रांसफर व्हीकल (HTV) के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International space station) में जरूरी सामान की आपूर्ति मुहैया कराता है. वहीं निर्धारित लक्ष्य हासिल होने के बाद ये धरती के वातावरण में दाखिल होते ही जल जाता है. इसके बावजूद उसका जो कुछ टुकड़े राख होने से बच जाते हैं वो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए प्रशांत महासागर में गिर जाते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नासा का रिलीज ये कबाड़ भी इसी तरह धरती की सीमा में दाखिल होते ही जल जाएगा.
बहस का मुद्दा है स्पेस गारबेज
फिलहाल तो धरती के चारों ओर मंडरा रहा अंतरिक्ष के कचरे का ये ढेर बहस का मुद्दा बन चुका है. इसको लेकर प्रभावी उपाय भी शुरू किए गए हैं. हकीकत में तो ब्रिटिश स्पेस एजेंसी भी इसी तरह के कचरे को बाहर निकालने की तैयारी में है. कई वैज्ञानिकों ने धरती की निचली कक्षा पर मौजूद इस कचरे को लेकर चिंता जताई है क्योंकि ये अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए बड़ा खतरा बन गया है.
स्पेस में हर चीज के आकार का बड़ा महत्व है. इस मलबे का छोटा टुकड़ा भी स्पेस पर मौजूद सेंटर और लोगों के लिए घातक हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस कचरे को एकदम सटीक तरीके से सुरक्षित नीचे गिराने की अभी कोई पुख्ता तकनीक या इंतजाम नहीं हो पाया है.
करोड़ों टुकड़े चिंता की वजह
एजेंसी से मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल धरती के चारों ओर स्पेस मलबे के करीब 160 मिलियन यानी करोड़ों टुकड़े चक्कर काट रहे हैं. ये सभी धरती के गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में हैं और इनमें से कुछ की रफ्तार 18 हजार मील प्रति घंटा है. इन करोड़ों टुकड़ों के अलावा कम से कम दस लाख टुकड़े ऐसे हैं जो एक सेंटीमीटर से बड़े हैं जिनका आस-पास मौजूद सेटेलाइट्स से टकराने का खतरा काफी बढ़ चुका है.
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये टुकड़े लगातार होने वाले नुकसान की वजह बन सकते हैं. फिलहाल धरती की कक्षा में करीब 2800 सेटेलाइट मौजूद हैं. वहीं तीन हजार डेड सेटेलाइट्स (Dead satellites) भी यूं ही चक्कर लगा रहे हैं.
क्या होता है अंतरिक्ष (Space) का मलबा
अंतरिक्ष (Space) में मलबा उन इंसानी वस्तुओं को कहते हैं जिसका अब स्पेस में कोई इस्तेमाल नहीं बचा है. नासा के अनुमान के मुताबिक अंतरिक्ष से रोजाना करीब एक मलबा धरती पर गिरता है. ये मलबा या तो धरती पर गिरता है या उसके वातारवरण में प्रवेश के साथ ही जल जाता है. अधिकतर ऐसे मलबे पृथ्वी पर स्थित जलीय क्षेत्र यानी समुद्रों के किनारे गिरते हैं क्योंकि धरती का करीब 70 % हिस्सा पानी का ही है. पिछले 50 सालों से भी अधिक समय से चल रहे स्पेश मिशन में इकट्ठा हुए मलबे आज भी बड़ी संख्या में अंतरिक्ष में मौजूद हैं.
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