वाशिंगटन (Washington)। पृथ्वी के बाहर (outside Earth) जीवन की उम्मीद की खोज (Hopeful of life discovery) में पहली बार एक बाहरी ग्रह मिला है। इसमें पानी का विशाल खौलता हुआ महासागर (boiling ocean of water) होने की संभावना है। इसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (American space agency NASA) के जेम्स वेब टेलिस्कोप (James Webb Telescope) से खोजा गया है। वैज्ञानिकों ने इसे टीओआई-270 (TOI-270) का नाम दिया है। इसके आंकड़ों से वैज्ञानिकों को बाहरी ग्रह के वायुमंडल में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड (Methane and carbon dioxide) होने के साथ वाष्प रूप में पानी के होने के भी संकेत मिले हैं।
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, ग्रह कि रासायनिक संरचना से पता चला है कि यह एक ऐसा संसार है, जिस पर पानी के महासागर के चारों ओर हाइड्रोजन से भरपूर वायुमंडल की परत चढ़ी हुई है। इस विश्लेषण की अगुआई करने वाले प्रोफसर निक्कू मधुसूदन ने बताया कि इस ग्रह के महासागरों का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है। यहां का वातावरण बसने लायक नहीं है। हालांकि, इस पर अध्ययन जारी है।
पानी रुकने की संभावना नहीं
कनाडा के शोधकर्ताओं की टीम ने कहा है कि इस ग्रह का तापमान इतना अधिक हो सकता है कि यहां पर पानी तुरंत भाप बनकर उड़ जाएगा। इसके साथ ही यह भी हो सकता है कि यहां का अधिकतम तापमान 4 हजार डिग्री सेल्सियस हो सकता है।
ग्रह की रोशनी के अध्ययन से खुलेंगे रहस्य
इस बाहरी ग्रह की रोशनी का अध्ययन करके खगोलविद ग्रह के वायुमंडल के रासायनिक संरचना के रहस्य के बारे में और अधिक जानकारी दे सकेंगे। इससे ग्रह पर जीवन हो सकता है या नहीं इसके बारे में पता चलता है। टीओआई-270 के वायुमंडल में अमोनिया न होना इस बात का प्रमाण है कि हाइड्रोजन से भरे वायुमंडल के नीचे महासागर हो सकता है।
बृहस्पति के चंद्रमा पर हर दिन बनती है एक हजार टन ऑक्सीजन
नासा के ‘जूनो मिशन’ से पता चला है कि बृहस्पति के यूरोपा नामक चंद्रमा पर हर 24 घंटे में एक हजार टन ऑक्सीजन बनती है। जो एक लाख इंसानों के लिए एक दिन की सांस लेने के लिए बहुत है। ये डाटा वैज्ञानिकों के पिछले ऑक्सीजन उत्पादन के अनुमानों के मुताबिक काफी कम है। नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित स्टडी के अनुसार, यूरोपा पर हर सेकंड में 12 किलोग्राम ऑक्सीजन बनती है।
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