वॉशिंगटन। अमेरिकी स्पेस एजेंसी (american space agency) नासा (NASA) चंद्रमा (Moon) पर वाई-फाई नेटवर्क (Wi-Fi network) स्थापित करने पर विचार कर रही है. स्पेस एजेंसी(space agency) की एक नई स्टडी में ये बात सामने आई है. इससे अमेरिका (US) के कुछ हिस्सों में इंटरनेट की दिक्कत को दूर करने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे भविष्य के Artemis मिशनों में भी सहयोग मिलेगा.
वाई-फाई प्रोग्राम को लेकर ये स्टडी नासा (NASA) की कम्पास लैब ने की है. ‘बिजनेस इनसाइडर’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कम्पास लैब के स्टीव ओल्सन ने कहा कि आर्टेमिस बेसकैंप से जुड़े क्रू, रोवर्स, विज्ञान और खनन उपकरणों को पृथ्वी से संपर्क में रहने के लिए एक बेहतर कनेक्शन की जरूरत होगी, इसलिए ये स्टडी बहुत अहम है.
नासा (NASA) के ग्लेन रिसर्च सेंटर में डायरेक्टर मैरी लोबो ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि ये Artemis के तहत चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने में आने वाली चुनौतियों को दूर करने के साथ हमारे समाज में बढ़ती समस्याओं का समाधान ढूंढने का शानदार मौका है.
नासा ने प्रेस रिलीज में बताया है कि डिजिटल डिवाइड और बेहतर इंटरनेट सेवा तक पहुंच की कमी पूरे अमेरिका में फैली है. ये एक सामाजिक आर्थिक चिंता है, जो कोविड-19 महामारी के बाद और बढ़ गई है.
नेशनल डिजिटल इनक्लूजन एलायंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, क्लीवलैंड के लगभग 31 फीसदी घरों में ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है.
इससे पहले खबर आई थी कि स्पेस एजेंसी चांद को लेकर अपने अगले ‘मून मिशन’ शुरुआत करने जा रही है. इस मिशन का लक्ष्य चांद की सतह पर एक स्थायी क्रू स्टेशन का निर्माण करना है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर Golf cart के आकार का एक Robotic Rover लैंड करवाएगी. इस रोवर का नाम VIPER (Volatiles Investigating Polar Exploration Rover) है. नासा का रोवर चंद्रमा की सतह पर 100 दिनों तक जल स्रोतों की खोज करेगा.
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