वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के वैज्ञानिक पहली बार चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में उतरेंगे। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का वह हिस्सा है, जो पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। हाल ही में नासा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 13 संभावित जगहों पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को उतारेगा। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव सबसे अधिक उबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरा क्षेत्र है।
नासा ने बताया कि उसने जिन 13 लैंडिंग क्षेत्रों को चुना है वे दक्षिणी ध्रुव के अक्षांश के छह डिग्री के भीतर मौजूद हैं। बता दें कि नासा का आर्टेमिस-1 रॉकेट 29 अगस्त को चंद्रमा की 42 दिन की यात्रा पर रवाना हो रहा है।
नासा के अंतरिक्ष लॉन्च सिस्टम की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और यह लॉन्चिंग के अंतिम चरण में है। इसके जरिये आने वाले दो साल में इंसान को चंद्रमा पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिन लोगों को इस मिशन के लिए चुना गया है, उनका चयन वैज्ञानिक उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
13 जगहों के नाम जारी
एजेंसी ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास जिन 13 जगहों को चिन्हित किया है, उसके नाम जारी कर दिए हैं। हर क्षेत्र में आर्टिमस-3 की लैंडिंग के लिए कई संभावित साइट है। नासा ने एक बयान में बताया कि इस बार मिशन में चंद्रमा पर कदम रखने वाली पहली महिला भी चालक दल का हिस्सा होगी।
जिन 13 क्षेत्रों को लैंडिंग के लिए चिन्हित किया गया है, उनमें फौस्तिनी रिम-ए, पीक नियर शेकलेटन, कनेक्टिंग रिज, कनेक्टिंग रिज एक्सटेंशन, डे गेरलेश रिम 1, डे गेरलेश रिम 2, डे गेरलेश-कोचेर मैसिफ, हावर्थ, मालापेर्ट मैसिफ, लेबनिट्ज बेटा प्लूटो, नोबील रिम 1), नोबील रिम 2, एमंडसेन रिम शामिल हैं।
2025 में लॉन्च होगा आर्टेमिस-3
नासा की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि 13 लैंडिंग क्षेत्र चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के अक्षांश के छह डिग्री के भीतर मौजूद हैं। यह सामूहिक रूप से कई भूगर्भीय विशेषताओं से भरा पड़ा है। ये सभी क्षेत्र आर्टेमिस-3 की लॉन्चिंग को लैंडिंग विकल्प देते हैं।
बता दें कि आर्टेमिस-3 मिशन के तौर पर अंतरिक्ष यात्रियों के चंद्रमा पर उतरने के संभावित क्षेत्रों के तौर पर पहचान की है। आर्टेमिस-3 मिशन 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च होने की उम्मीद है।
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