भोपाल। चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह इन दिनों अपनी ही पार्टी को लेकर खूब बयान दे रहे हैं। अब तो उन्होंने प्रदेश नेतृत्व तक को बदल देने की नसीहत दे डाली है। लक्ष्मण सिंह के बयान के बहाने प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता हैं, प्रदेश कांग्रेस अगर उनकी बातें मान लेती तो आज विपक्ष में नहीं होती।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ विधायक है। बरसों विधायक और सांसद रहे हैं, उनका अपना लंबा राजनीतिक अनुभव है और वे सदैव इस तरह की बातें कांग्रेस को कहते आए हैं। लेकिन पता नहीं कमलनाथ जी को क्यों अपने वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह की बात समझ में नहीं आती, यदि समझ लेते तो शायद विपक्ष में न होते। मंत्री मिश्रा ने कहा कि उन्होंने बातें तो सही कही थी, अभी भी वो सही कह रहे है कि अगर नेतृत्व बदल दे तो कोई संभावना हो वरना अभी तो दूर दूर तक कुछ दिख नहीं रहा है।
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह द्वारा अवैध रेत खनन को लेकर सीएम को लिखे पत्र और आंदोलन की चेतावनी पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि रेत और शराब पर कांग्रेस की नजऱ है, गोविंन्द सिंह की चिंता पुरानी है। कांग्रेस के नेता रेत और शराब को लेकर जिस तरह बयान दे रहे हैं। उससे समझा जा सकता है कि उनकी निगाहें कहां पर हैं। कांग्रेस प्रमाण दे हम कार्रवाई करेंगे, वैसे ज्यादातर ठेके उन्हीं के समय दिए गए थे।
राजस्थान सियासत कांग्रेस का आंतरिक मामला
राजस्थान कांग्रेस सरकार संकट पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के लोगों ने बगावत की, इसमें भाजपा का रोल नहीं, कांग्रेस का आंतरिक मामला है, कांग्रेस अपने घर को संभाले। विवेक तन्खा के बयान पर उन्होंने कहा कि विवेक तन्खा जी आप भाजपा की नहीं अपनी पार्टी की चिंता कीजिए। दरअसल राजस्थान में जो समझौता हुआ है वह माननीय सोनिया गांधी जी ने राहुल गांधी के लिए प्रियंका गांधी के जरिए कराया है। पता नहीं कांग्रेस नेता अपने आंतरिक मामलों में भाजपा को क्यों ले आती है…?
समाज को कोरोना के खिलाफ खड़ा होना होगा
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि समाज को कोरोना के खिलाफ खड़ा होना होगा, कोरोना को छुपाना सही नहीं है। कोरोना पीडि़तों को अछूत न माना जाए, प्रारम्भिक जांच की कर ली जाए तो कोरोना इतना गंभीर नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की पूरी चिंता सरकार को है, कोरोना फेफड़ों तक पहुंचता है तो गंभीर हो जाता है।