भोपाल: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी (Deepak Joshi) ने स्पष्ट किया है कि वह पार्टी से अपना नाता खत्म कर रहे हैं और जल्दी ही कांग्रेस में शामिल होंगे. इसके एक दिन बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि पार्टी उनके (दीपक जोशी के) साथ है. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, दीपक जोशी मेरे कैबिनेट सहयोगी रहे हैं. वह बहुत सक्षम नेता हैं. वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और हम उनके साथ हैं.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन्होंने दीपक जोशी के पिता स्वर्गीय कैलाश चंद्र जोशी से राजनीति सीखी है, जिन्होंने 1977-1978 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था. पूर्व सीएम की मृत्यु के बाद उनके बेटे दीपक जोशी को बागली से विधायक के रूप में चुना गया था. उनके पिता ने वर्षों तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
बाद में, बागली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी और जोशी ने पड़ोसी विधानसभा क्षेत्र हाटपिपलिया से तीन बार चुनाव लड़ा. उन्होंने 2008 और 2013 में दो जीत दर्ज की जबकि 2018 का विधानसभा चुनाव हार गए. जोशी ने दावा किया था कि इस हार के बाद से उन्हें पार्टी से दरकिनार कर दिया गया.
सूत्रों ने कहा कि दीपक जोशी के कांग्रेस में जाने का फैसला करने के बाद, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का एक वर्ग जल्द ही उनसे संपर्क करने की योजना बना रहा है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी नेता उन्हें अपना मन बदलने और पार्टी के साथ बने रहने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे. माना जा रहा है कि अगर दीपक जोशी कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं तो इससे राज्य में सत्ताधारी दल को बड़ा झटका लग सकता है.
दीपक जोशी ने सोमवार को कहा था कि 6 मई को वह राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात करेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे पिता की विरासत ईमानदारी थी. मैंने बागली विधानसभा क्षेत्र के विकास में भ्रष्टाचार से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उठाया था, लेकिन उन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. दीपक जोशी ने कहा कि मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाऊंगा, जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे.
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