उज्जैन। कान्ह डायवर्शन योजना जो 100 करोड़ की थी वह फेल हो गई थी और नर्मदा का पानी जो पाईप लाईन से आता है वह त्रिवेणी पर मिलता था जिससे वहाँ की गंदगी भी साथ में आती थी लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि नई पाईप लाईन डालकर शुद्ध पानी शिप्रा में डाला जाएगा जिससे लोग स्नान कर सकें। ऐसा न हो कि इस पाईप लाईन का भी हश्र पूर्व की तरह हो और बाद में यह पानी फेंकना बंद कर दे। नर्मदा का पानी अभी तक त्रिवेणी घाट और गऊघाट पाले से शिप्रा नदी में से लिया जाता था। इससे शिप्रा नदी में जो अशुद्धि रहती थी वह भी पानी में आती थी और पानी का ट्रीटमेंट करने में पीएचई को काफी मशक्कत करना पड़ती थी।
हमेशा पीला पानी और गंदा पानी आने की शिकायत बनी रहती है। इसी को देखते हुए अब नर्मदा से गंभीर की जो पाइप लाइन डाली गई। उस पाइपलाइन का एक कनेक्शन चिंतामन ब्रिज के नीचे छोड़ा गया है। चिंतामन ब्रिज के नीचे से गऊघाट प्लांट तक पाइप लाइन बिछाई जा रही है। 550 मीटर की यह पाइप लाइन बिछाई जाएगी जिसके लिए 800 एम.एम. डायमीटर के पाइप आ चुके हैं। 2 महीने में यह लाइन डाली जाएगी। इस लाइन को डालने में एक करोड़ 84 लाख रुपए खर्च होंगे। इस पाइप लाइन के डालने से अब नर्मदा का पानी सीधे गऊघाट प्लांट पहुँच जाएगा और यह पानी शुद्ध ही रहेगा। इसको ज्यादा ट्रीटमेंट नहीं करना पड़ेगा और जल संकट के समय यह पाइप लाइन काफी काम आएगी। आज इस पाइप लाइन डालने के कार्य का भूमि पूजन कैबिनेट मंत्री डॉ. मोहन यादव एवं अन्य अतिथि करेंगे।
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