हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेंद्र गिरि की मौत का कारण (फांसी) साफ हो गया है। अब जांच खुदकुशी की वजह पर हो रही है। यूपी पुलिस ब्लैकमेलिंग के एंगल पर तफ्तीश कर रही है।
सुसाइड नोट में फोटो एडिट करने का भी जिक्र
नरेंद्र गिरि के वायरल हुए कथित सुसाइड नोट में फोटो एडिट करने का भी जिक्र है। सवाल उठ रहा है कि आखिर वह फोटो कहां और किसके पास है। जिसका जिक्र करते हुए श्री महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि वह बदनाम हो जाएंगे।
श्रीमहंत ब्रह्मलीन नरेंद्र गिरि का कथित सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल हुए सुसाइड नोट में किसी फोटो के आधार पर ब्लैकमेल करने की बात कही गई थी। नरेंद्र गिरि के मोबाइल फोन से लेकर आद्या तिवारी, संदीप तिवारी समेत हिरासत में लिए गए अन्य लोगों के मोबाइल फोन यूपी पुलिस के पास हैं। पुलिस मोबाइल फोनों की लगातार जांच कर रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों की पुष्टि तो हो गई है। अब तक जांच कर रही यूपी पुलिस ने अपनी तफ्तीश ब्लैकमेलिंग के एंगल पर शुरू की है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि आखिर यदि कोई फोटो है। जिससे श्रीमहंत नरेंद्र गिरि को ब्लैकमेल किया जा रहा था तो वो कहां है किसके पास है। इसको लेकर आनंद गिरि से भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है। लेकिन उसने फोटो की बात से इनकार कर दिया।
कारोबारी का बेटा पहुंचा था निरंजनी अखाड़े
श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या की खबर सुनने के बाद हरकी पैड़ी क्षेत्र स्थित एक प्रसिद्ध व्यापारी का पुत्र निरंजनी अखाड़े पहुंचा था। बताया जा रहा है कि श्रीमहंत से व्यापारी के व्यक्तिगत संबंध थे।
अखाड़ा परिषद की गोपनीय टीम कर रही जांच
जानकारी के अनुसार श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच अखाड़ा परिषद ने भी शुरू कर दी है। परिषद ने एक गोपनीय टीम का गठन किया है, जो अध्यक्ष की मौत के कारणों की तलाश करेगी। अखाड़ा परिषद ने इस मामले में पांच सदस्यीय टीम बनाई है। प्रयास रहेगा कि रिपोर्ट षोडशी के दिन तक आ जाए।
महंत नरेंद्र गिरि के पत्र अखाड़े के पास
श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के वायरल हुए कथित सुसाइड नोट को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि का कहना है कि बीते 35 सालों में इतना तो महंत नरेंद्र गिरि को वो भी जानते हैं कि इतना लंबा सुसाइड नोट नहीं लिख सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अखाड़े के पास दस्तखत पहचानने की डिग्री तो नहीं है। महंत नरेंद्र गिरि के तमाम पत्र भी अखाड़े के पास हैं। इससे इतना समझ आ जाएगा कि महंत नरेंद्र गिरि की हैंड राइटिंग है कि नहीं। उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि हमेशा पत्र लिखवाते रहे हैं, अगर वो हमेशा पत्र लिखवाते रहे तो इस बार कैसे लिखा। इन्हीं कारणों की तलाश अखाड़ा परिषद की टीम करेगी।
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