नई दिल्ली: इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की पत्नी और लेखिका सुधा मूर्ति (Writer Sudha Murthy) को राज्यसभा (Rajya Sabha) के लिए मनोनीत (nominated) किया गया है. इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने ट्वीट कर जानकारी दी है. पीएम ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है. सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है. उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं.’
I am delighted that the President of India has nominated @SmtSudhaMurty Ji to the Rajya Sabha. Sudha Ji’s contributions to diverse fields including social work, philanthropy and education have been immense and inspiring. Her presence in the Rajya Sabha is a powerful testament to… pic.twitter.com/lL2b0nVZ8F
— Narendra Modi (@narendramodi) March 8, 2024
सुधा मूर्ति को 2006 में सामाजिक कार्यों के लिए भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. बाद में 2023 में उन्हें तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था. देश के राष्ट्रपति कला, साहित्य, विज्ञान और सामाजिक सेवाओं में उनके योगदान के लिए 12 सदस्यों को संसद के उच्च सदन में नामांकित करते हैं. मूर्ति के पति नारायण मूर्ति आईटी दिग्गज इंफोसिस के संस्थापक हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक उनके दामाद हैं.
सुधा मूर्ति की कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ है. उन्होंने समाजसेवा और साहित्य में योगदान के लिए समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी है. उनका उपन्यास डॉलर बहू मूल रूप से कन्नड़ में लिखा गया था और बाद में अंग्रेजी में अनुवादित किया गया, जिसे व्यापक प्रशंसा मिली. कर्नाटक में एक देशस्थ माधव ब्राह्मण परिवार में जन्मी सुधा मूर्ति का अपनी जड़ों से गहरा रिश्ता है. उनकी एक बेटी अक्षता है.
सुधा मूर्ति के नाम पर 150 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं. उन्होंने लिंग भेदभाव और रूढ़िवादिता के खिलाफ लिखा है. दावा किया जाता है कि उनकी संपत्ति 775 करोड़ रुपए है. इसके बावजूद वह सादगी का जीवन जीती हैं. सुधा मूर्ति का कहना है कि उन्होंने पिछले तीस वर्षों में एक नई साड़ी नहीं खरीदी है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved