भोपाल। मध्य प्रदेश में साल के आखिर में होने वाला विधानसभा चुनाव इस बार दिलचस्प होने वाला है। क्योंकि भाजपा और कांग्रेस के अलावा इस बार तीसरे दल भी पूरी ताकत लगा रहे हैं। वहीं दोनों ही पार्टियों के नाराज नेता भी बड़े फैसले लेते नजर आ रहे हैं। फिलहाल वर्तमान में भाजपा से विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी अलग पार्टी बना ली है। जो पृथक विंध्य की मांग से जुड़ी हुई है। ऐसे में प्रदेश की सियासत और दिलचस्प होती नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि नारायण त्रिपाठी अपनी नई पार्टी को 43 सीटों पर चुनाव लड़वाएंगे। यानि विंध्य जनता पार्टी के 43 प्रत्याशी विंध्य, महाकौशल और बुंदेलखंड की कुछ सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। पार्टी बनाने के साथ-साथ नारायण त्रिपाठी ने अपनी पार्टी के सोशल मीडिया अकाउंट भी जारी किए है। जिसमें सबसे अहम अलग विंध्य प्रदेश की मांग है। दरअसल, सतना जिले की मैहर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी लंबे समय से अलग विंध्य राज्य की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इसी मुद्दे को लेकर राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी अलग पार्टी बनाई है। जिसका नाम ‘विंध्य जनता पार्टीÓ है। त्रिपाठी का कहना है कि वह 14 जुलाई से पार्टी का सदस्यता का अभियान शुरू करेंगे।
बिगड़ सकते हैं भाजपा-कांग्रेस के समीकरण
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के नई पार्टी के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों की धड़कन बढ़ गई हैं। क्योंकि उनका यह दांव भाजपा-कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकते हैं। हालांकि नारायण त्रिपाठी का कहना है कि ‘मैं फिलहाल भाजपा में हूं। लेकिन पृथक विंध्य का मेरा सपना है और इस मांग के साथ मैं हूं। विंध्यवासी पृथक विन्ध्य के लिए एक पार्टी गठन किया है और मैं विन्ध्य का समर्थक हूं। अगर भाजपा पृथक विन्ध्य की मांग को मान लेती है तो कोई बात ही नहीं अन्यथा इस बार विन्ध्य जनता पार्टी (वीजेपी) विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने अपनी नई पार्टी का ऐलान के साथ 14 जुलाई से सदस्यता अभियान शुरू करने की बात कही है।Ó वहीं त्रिपाठी के पार्टी को जहां कांग्रेस का साथ मिला है तो भाजपा ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया है। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं उतना साथ अभी उनके दल को नहीं मिलने वाला है। लेकिन त्रिपाठी पृथक विंध्य को लेकर जन आंदोलन काफी समय से चला रहे हैं, लेकिन इस आंदोलन की धार समय-समय पर राजनीतिक निहितार्थ के इर्द गिर्द भी घूमती नजर आती है। मसलन जब रैगांव उपचुनाव हुए थे तो पृथक विंध्य प्रदेश के झंडे-बैनरों ने भाजपा को अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया था। इसने मतदाताओं का एक माइंडसेट कांग्रेस के प्रति इस चुनाव में तैयार किया था। अब मिशन 2023 के लिए नारायण ने सधा हुआ तीर चुनावी चौसर पर छोड़ा है, जिसका परिणाम तो बाद में समझ में आएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved