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    नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति विदेश तक ले जाती हैं कूकर, बताई वजह

  • July 26, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। इंफोसिस (Infosys) के मालिक नारायण मूर्ति की पत्नी, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) की सासु मां अपने फॉरेन ट्रिप में खाने पीने को लेकर कोई रिस्क नहीं लेतीं। वजह सिम्पल है वो वेजिटेरियन हैं और उन्हें नॉन वेजिटेरियन (Non vegetarian) को लेकर एडवेंचरस होने का मन नहीं करता।

    बता दें कि नारायण मूर्ति की कंपनी इंफोसिस की पहली एंजेल इन्वेस्टर सुधा मूर्ति ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खाने को लेकर बात की। उन्होंने खुलासा किया कि वह अगर विदेश जाती हैं तो उन्हें खाने में डर लगता है। इसलिए वह एक बैग भरकर खाने का सामान लेकर जाती हैं।

    सुधा मूर्ति ने कहा है कि किस्से कहानियों में रोमांच पसंद है, लेकिन असल जिंदगी में खाने को लेकर नहीं। सही कहूं तो मैं डर जाती हूं। मैं शुद्ध शाकाहारी हूं, यहां तक की अंडे और लहसुन तक नहीं खाती। डर इस बात का है कि जो चम्मच शाकाहारियों को दिया जाता है वही मांसाहारी खाने के लिए भी प्रयोग में लाते हैं। यह मेरे दिमाग पर बहुत बोझ डालता है। उन्होंने आगे कहा कि इसलिए जब हम बाहर जाते हैं, तो मैं केवल शाकाहारी रेस्तरां खोजती हूं या मैं खाने-पीने की चीजों से भरा एक बैग ले जाती हूं। मैं खाने के लिए तैयार सामान ले जाती हूं, जो बस पानी में गर्म करके बन जाए। सुधा ने कहा कि मैं पोहा ले जाती हूं।



    उनकी इस बात का वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोग कई सवाल करने लगे। यूजर ने तुरंत ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की विभिन्न प्रकार के मांस के साथ तस्वीर पोस्ट की और पूछा कि क्या सुनक के पास अपनी सास सुधा मूर्ति के लिए अलग चम्मच हैं?
    वहीं, इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने कहा कि वह खाने की शौकीन हैं, लेकिन अच्छी कुक नहीं हैं और इसलिए नारायण मूर्ति हमेशा फिट रहे हैं, हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि वह बहुत अच्छी चाय और पोहा बनाती हैं।

    मूर्ति ने आगे कहा कि मैं जरूरी खाना बनाना जानती हूं। मैं पराटा, दाल, सब्जी, चावल और सांभर बना सकती हूं। हम होटलों में नहीं जाते। मैं सामान्य चीजें पका सकती हूं। मैंने खास तरह के पकवान बनाने कभी नहीं सीखे क्योंकि मैं हमेशा बाहर काम करती थी।

    सुधा मूर्ति ने कहा कि जब भी वह विदेश जाती हैं तो अपने साथ खाने-पीने की चीजों से भरा बैग ले जाती हैं। वह 25-30 रोटियां बनाती हैं और भुनी हुई सूजी ले जाती हैं ताकि गर्म पानी डालने पर वह खाने के लिए तैयार हो जाए। मूर्ति ने आगे कहा कि मैं अपने साथ कुकर भी रखती हूं। यह मैंने अपनी दादी से सीखा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किस देश में जा रही हूं, अपना खाना साथ रखती हूं।

    गौरतलब है, सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए सुधा मूर्ति को इस साल पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। पुरस्कार समारोह में उनकी बेटी व ब्रिटेन की प्रथम महिला अक्षता मूर्ति उपस्थित थीं। हाल के दिनों में, सुधा मूर्ति ने कई टेलीविजन शो में अपनी जिंदगी के बारे में कई अज्ञात कहानियों का खुलासा किया।

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