नयी दिल्ली । केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित किये जाने को बड़ा सुधार करार देते हुए कहा कि कांग्रेस ने कुछ “दकियानूसी कट्टरपंथियों के कुतर्कों” और दबाव के आगे घुटने टेक कर मुस्लिम महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित करने का पाप किया था जिसके कारण कांग्रेस के “लम्हों की खता”, मुस्लिम महिलाओं के लिए “दशकों की सजा” बन गई। जहाँ कांग्रेस ने “सियासी वोटों के उधार” की चिंता की थी,वहीं मोदी सरकार ने सामाजिक सुधार की चिंता की।
श्री नकवी ने एक बयान जारी कर बुधवार को कहा कि वैसे तो अगस्त, इतिहास में महत्वपूर्ण घटनाओं के पन्नों से भरपूर है। आठ अगस्त “भारत छोड़ो आंदोलन”, 15 अगस्त भारतीय स्वतंत्रता दिवस, 19 अगस्त “विश्व मानवीय दिवस”, 20 अगस्त “सद्भावना दिवस”, पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होना जैसे इतिहास के सुनहरे लफ्जों में लिखे जाने वाले दिन हैं।
उन्होंने कहा कि एक अगस्त, मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक की कुप्रथा,कुरीति से मुक्त करने का दिन, भारत के इतिहास में “मुस्लिम महिला अधिकार दिवस” के रूप में दर्ज हो चुका है। “तीन तलाक” या “तिलाके बिद्दत” जो ना संवैधानिक तौर से ठीक था, ना इस्लाम के नुक्तेनजर से जायज़ था फिर भी हमारे देश में मुस्लिम महिलाओं के उत्पीड़न से भरपूर गैर-क़ानूनी, असंवैधानिक,गैर-इस्लामी कुप्रथा “तीन तलाक”, “वोट बैंक के सौदागरों” के “सियासी संरक्षण” में फलता- फूलता रहा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक अगस्त 2019 भारतीय संसद के इतिहास का वह दिन है जिस दिन कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित तमाम तथाकथित “सेक्युलरिज़्म के सियासी सूरमाओं” के विरोध के बावजूद “तीन तलाक” कुप्रथा को ख़त्म करने का कानून बनाया गया। देश की आधी आबादी और मुस्लिम महिलाओं के लिए यह दिन संवैधानिक-मौलिक-लोकतांत्रिक एवं समानता के अधिकारों का दिन बन गया। यह दिन भारतीय लोकतंत्र और संसदीय इतिहास के स्वर्णिम पन्नों का हिस्सा रहेगा।
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