ओंकारेश्वर। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री (former chief minister) और फायरब्रांड नेता उमा भारती (Uma Bharti) ओंकारेश्वर में पुरातत्व विभाग पर बरस पड़ी। दरअसल, पुरातत्व विभाग ने ममलेश्वर मंदिर (Mamleshwar Temple) में नंदी जी के पास जाली लगा दी थी। इससे रोड डायवर्शन हो गया था। इसी बात को लेकर उमा भारती नाराज हो गई।
उन्होंने पुरातत्व विभाग से अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए सख्त अंदाज में कहा कि हर मंदिर का वास्तु होता है। द्वादश ज्योतिर्लिंग में ममलेश्वर वृषभ राशि के स्वामी हैं। वास्तु के हिसाब से नंदी के दाईं ओर से ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन का रास्ता जाना है। आपने इसे बंद कर मंदिर का वास्तु बिगाड़ रखा है। मैंने आज इसे हटा दिया है। अब यह दोबारा नहीं लगेगा। आपके अधिकारी को सूचना दे दीजिए कि मुझ पर एफआईआर दर्ज करा दें। मैं जेल जाने को तैयार हूं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ओंकारेश्वर में ज्योतिर्लिंग दर्शन के दौरान जाली में कैद नंदी प्रतिमा को लेकर अफसरों पर भड़क गई। उन्होंने पुरातत्व विभाग के स्थानीय कर्मचारियों से कहा कि हजारों साल पहले विद्वानों ने वास्तु के अनुसार मंदिरों का निर्माण किया था। आज ऐसे विद्वानों को चुनौती देकर धरोहरों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। अगर कुछ परिवर्तन जरूरी भी है तो इसके लिए वैदिक विद्वानों से सुझाव लेकर किए जाएं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ओंकारेश्वर में मुख्य ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर ही हैं। सामने ऊपर पहाड़ी पर तो विश्व के स्वामी ओंकार बिंदु संयुक्त बैठे हैं। ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग वृषभ राशि के स्वामी हैं। सामने नंदी भी वास्तु के हिसाब से बैठे हैं। वास्तु अनुसार मुझे दाएं होकर मंदिर में प्रवेश करना है लेकिन आपने रास्ता बंद कर रखा है। मुझे छोड़ दें लेकिन देशभर से नंगे पैर आने वाले भक्तों की आस्था से खिलवाड़ हो रहा है। मैं यह नहीं होने दूंगी।
पूर्व सीएम भारती के कहने पर भक्तों ने नंदी के चारों ओर लगी जाली हथोड़े से हटवा दी। उन्हें रोकते हुए पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने कहा कि आप आवेदन दे दीजिए। हम अफसरों तक पहुंचाकर निराकरण कराएंगे। इस पर वे फिर भड़क उठीं। उन्होंने कहा मैं क्या, कोई भक्त भी आवेदन नहीं देगा। मैंने जाली तोड़ी है। आप अफसरों को सूचना देकर एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। मैं जेल जाने को तैयार हूं। लेकिन जाली दोबारा नहीं लगेगी। पूर्व सीएम के तेवर देख पुरातत्व विभाग के भी कर्मचारी डरे सहमे नजर आए।
आज मैं ओंकारेश्वर में हूं, बहुत ही सुंदर तरीके से परिक्रमा मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। आदि शंकराचार्य जी की दीक्षा गुफा भी पहले की तुलना में बहुत ही साफ-सुथरी एवं व्यवस्थित मिली। द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक भगवान अमलेश्वर एवं ममलेश्वर हैं इसमें ओंकारेश्वर तो विश्व के मूल हैं एवं भगवान अमलेश्वर वृषभ राशि के स्वामी ज्योतिर्लिंग हैं। आज जब मैं वहां दर्शन करने के लिए पहुंची तो वहां कोरोना काल की, की गई प्रतिबंधित व्यवस्था जस की तस थी। पुजारियों को, यात्रियों को इस व्यवस्था से बहुत परेशानी थी एवं मंदिर का वास्तु पूरा बिगड़ गया था। कोरोना तो चला गया लेकिन सबके विरोध के बाद भी यह व्यवस्था बनी रही जो कि अनावश्यक थी, नियम विरुद्ध थी, परंपराओं का हनन कर रही थी तो मैंने अपने हाथ से ही वह व्यवस्था हटा ली। हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि भारत पर कोरोना का संकट ना आए। यदि कभी ऐसा हुआ तो फिर से पुरातत्व विभाग अपनी व्यवस्था को मान्यताओं से खिलवाड़ किए बगैर बहाल कर ले। कोरोना भारत की ओर नहीं झांकेगा ऐसा मुझे विश्वास है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved